SCHOOL EDUCATION 2021 : स्कूल बंद के दौरान घर पर पेरेंट्स कैसे करें बच्चों की मदद, शिक्षा मंत्रालय ने जारी कीं गाइडलाइंस - updatesbit

Career, Job and Money Tips

Post Top Ad

SCHOOL EDUCATION 2021 : स्कूल बंद के दौरान घर पर पेरेंट्स कैसे करें बच्चों की मदद, शिक्षा मंत्रालय ने जारी कीं गाइडलाइंस

कोरोना के कारण स्कूलों के बंद होने से बच्चों को अच्छी शिक्षा


देने की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा पेरेंट्स की हो गई है। कई महीनों से स्कूलों की कक्षाएं ऑनलाइन मोड पर चल रही हैं।

 अब बच्चों की पढ़ाई में पेरेंट्स की भूमिका और दायित्व स्कूल शिक्षकों जितना हो गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पेरेंट्स के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

 इन दिशानिर्देशों की मदद से पेरेंट्स कोरोनाकाल में स्कूल बंदी के दौरान बच्चों को घर पर बेहतर ढंग से पढ़ा पाएंगे। 

दिशानिर्देशों में बताया गया है कि पेरेंट्स कैसे पढ़ाई-लिखाई समेत बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बड़ी मदद कर सकते हैं। 

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने निशंक ने ट्वीट कर कहा, 'मेरा ऐसा मानना है कि घर बच्चे का पहला स्कूल होता है और माता-पिता पहले शिक्षक। इस महामारी में बच्चों के विकास में माता-पिता की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।'

गाइडलाइंस में बताया गया है कि बच्चों के विकास में पेरेंट्स विभिन्न पहलुओं से 'क्यों, क्या और कैसे' मदद कर सकते हैं।

 इसमें यह भी जानकारी है कि विभिन्न उम्र वाले बच्चों - फाउंडेशन स्टेज (3 साल से 8 साल), प्रीपेटरी स्टेज (8-11 साल), मिडल स्टेज (11-14 वर्ष) और सेकेंडरी स्टेज से एडल्ड होने तक कैसे कई तरह की विकास गतिविधियों में उनका साथ दिया जा सकता है।  

अगर कोई पेरेंट्स कम पढ़े-लिखे हैं, तो वह क्या कर सकते हैं, स्पेशल बच्चों के लिए क्या किया जा सकता है, तनावग्रस्त बच्चों में कैसे आर्ट को थैरेपी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, इस पर अलग-अलग सेक्शन गाइडलाइंस में हैं। 

क्या हैं गाइडलाइंस में 

गाइडलाइंस के 10 चैप्टरों में बताया गया है पेरेंट्स कैसे घर पर बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकते हैं। 

- बच्चों के लिए रूटीन बनाए। रूटीन लचीला होना चाहिए। बच्चों से बात करके उनकी पढ़ाई लिखाई व खेलकूद का समय तय करें।

- उनके सामने टीवी देखने व फोन यूज करने से परहेज करें। उन पर पूरा ध्यान दें। 

- पॉजिटिव भाषा का इस्तेमाल करें।

- ध्यान रहे कि बड़े बच्चों के सामने रोल मॉडल होते हैं। आप जो करेंगे, वह वो करेंगे। अच्छे श्रोता बने। रोजाना एक फैमिली एक्टिविटी करें जिसमें परिवार का हर कोई हिस्सा ले।

- एक पॉजिटिव अनुशासन का माहौल रखें। 

- बच्चों के इंज्वॉय करना न भूलें। उनके साथ अच्छा रिश्ता मजबूत करें। उनसे उनके शिक्षकों के बारे में बात करें। उनसे उनके पसंदीदा विषय पूछें। कहानी सुनाना, गाने गाना, मेमोरी गेम्स का सहारा ले सकते हैं। 

- बच्चों को योग और व्यायाम कराएं और उन्हें फिट रखें। 

- स्कूल जाने के लिए बच्चों को मानसिक तौर पर तैयार रखें। उन्हें भरोसा दिलाएं कि स्कूल फिर से खुलेंगे। उन्हें बात करें कि स्कूल खुलने पर उन्हें क्या-क्या सावधानी बरतनी होगी और क्या-क्या सामान हमेशा अपने साथ रखना होगा। 


No comments:

Post a Comment

Post Top Ad