बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई: होमवर्क दिखाने को कहते ही बच्चे ऑफलाइन, छात्रों में दिख रहा बड़ा व्यवहारिक बदलाव - updatesbit

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बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई: होमवर्क दिखाने को कहते ही बच्चे ऑफलाइन, छात्रों में दिख रहा बड़ा व्यवहारिक बदलाव

ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान छात्र शिक्षकों की नहीं सुन रहे हैं।


होमवर्क दिखाने को कहने पर ऑफलाइन हो जाते हैं। 

एक साल से घर से पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों में बड़े पैमाने पर व्यावहारिक बदलाव देखने को मिल रहा है। छात्र अनुशासन भूलते जा रहे हैं।

 स्कूलों की ओर से कराई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई की समीक्षा में शिक्षकों के माध्यम से ये शिकायतें सामने आ रही हैं।

शिक्षकों के अनुसार बच्चों के मन से उनका डर खत्म होता जा रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई में अनुशासन का पालन नहीं होता। छात्र पढ़ाई कम, शरारतें ज्यादा करते हैं। 

ऑनलाइन स्क्रीन पर अक्सर शिक्षक को नहीं मालूम चलता कि कौन छात्र शरारत कर रहा है, जबकि स्कूल में सभी छात्र एक ही शिक्षक की निगरानी में पढ़ते थे। 

शिक्षकों ने बताया कि ऑनलाइन क्लास से छात्रों के उठने-बैठने, पढ़ने, जवाब देने का तरीका बदल गया है। इस दौरान बच्चे निजी काम भी निपटाते दिख जाते हैं। छोटे बच्चों के व्यवहार में यह बदलाव आगे उनके लिए घातक हो सकता है।


अनुशासन से निखरता है व्यक्तित्व

ऑनलाइन पढ़ाई में चार से पांच छात्रों में ही पढ़ाई को लेकर गंभीरता दिख रही है। पढ़ाई के साथ छात्रों का अनुशासित होना बहुत जरूरी है। इससे उनका पूरा व्यक्तित्व निखरता है। स्कूल घर-घर तो पहुंच गया है, लेकिन अनुशासन खत्म हो रहा है।

सर्वजीत सिंह, प्रबंधक, अवध कॉलेजिएट


डांटने पर अभिभावक देते हैं सफाई

स्कूल में एक शिक्षक सभी छात्रों पर आसानी से नजर रख लेता है। हर छात्र के पास जाकर उसकी कॉपी चेक करता है। 

उसी वक्त गलती सुधार देता है, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में ऐसा संभव नहीं है। 

वहीं, जब कोई शिक्षक छात्र को डांटता है तो अभिभावक तुरंत सफाई देने लगते हैं। यह प्रवृत्ति गलत है।-तुषार चेतवानी, महासचिव, लखनऊ प्री स्कूल एसो.



किताब से ज्यादा मोबाइल की लत

अभिभावकों से शिकायतें मिल रही हैं कि बच्चों को किताबों से ज्यादा मोबाइल पकड़ने की आदत पड़ रही है। बच्चे समय से होमवर्क नहीं कर रहे।

 ऑनलाइन में उन्हें इसका डर भी नहीं। वहीं, मोबाइल, इंटरनेट उन्हें वक्त से पहले और जरूरत से ज्यादा मिलने लगा है। इसका दूरगामी प्रभाव होगा।-अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसो.



स्कूली संस्कार हुए कम

बच्चे जो संस्कार स्कूल से सीखते हैं, उनमें कमी आती जा रही है। उनका शिक्षकों और स्कूल से व शिक्षकों का बच्चों से कनेक्शन खत्म हो रहा है। 

हम बहुत कोशिश करें तो ऑनलाइन में 70 से 80 प्रतिशत बेस्ट दे पाते हैं। जो कमी महसूस हो रही है, उसमें बच्चे अनुशासनहीन होते जा रहे हैं। उनके व्यक्तित्व में बदलाव देखने को मिल रहा है। 

गुंजन मेहरोत्रा, प्रिंसिपल, एलेन हाउस पब्लिक स्कूल



अनुशासनहीनता की ये शिकायतें आ रहीं

ऑनलाइन क्लास शुरू होने से 10 मिनट पहले ही जगते हैं छात्र। बिना हाथ-मुंह धोए बैठते हैं क्लास में।

पैर फैलाकर या कभी लेट कर करते हैं पढ़ाई। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान ही करते हैं नाश्ता।

कैजुअल ड्रेस में बैठ जाते हैं पढ़ने, अक्सर होमवर्क नहीं करते और बनाते हैं बहाने।

वीडियो बंद कर साथी संग करने लगते हैं चैटिंग। दूसरी वेबसाइट खोलकर बैठ जाते हैं।

शिक्षक के बार-बार पूछने पर भी नहीं देते हैं जवाब, नेटवर्क खराब होने का बनाते बहाना।

चैटबॉक्स में करते हैं लंबे-लंबे मेसेज। शिक्षक के मना करने पर भी नहीं सुनते बात।

बीच क्लास में अजीब आवाजें निकालकर व कमेंट कर पढ़ाई में डालते हैं बाधा।

कॉपी-पेंसिल लेकर भी नहीं बैठते। पूरी क्लास में सिर्फ सुनते रहते हैं।

बीच क्लास में कई बार उठकर चले जाते हैं। लेट आते हैं और जल्दी चले जाते हैं।


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