स्कूलों को दो पालियों में चलाने को लेकर माध्यमिक शिक्षा में
सबसे ज्यादा परेशानियां सामने आ रही हैं।
स्कूलों में पहली पाली में ही अभिभावकों की सहमति बहुत कम आई है, तो दूसरी पाली के लिए अधिकांश स्कूलों में एक भी सहमति नहीं है।
ऐसे में स्कूल प्रधानाचार्य और शिक्षक शिक्षिकाएं सभी परेशान हो रहे हैं। महिला शिक्षिकाएं सबसे ज्यादा समस्या में हैं कि 16 क्लास किस तरह से पढ़ाना संभव हो पाएगा।
दूसरी पाली के लिए भी सहमति नहीं, शिक्षक भी परेशान
यूपी माध्यमिक शिक्षक ठकुराई गुट के प्रांतीय उपाध्यक्ष और नेहरू स्मारक इंटर कालेज कुराली के प्रधानाचार्य डॉ. उमेश त्यागी का कहना है कि दूसरी पाली के लिए एक भी सहमति नहीं आई है।
अभिभावक दूसरे पहर में बच्चों को भेजना नहीं चाहते हैं। पहली पाली के लिए भी बच्चों की संख्या अभी कम है। ऐसे में दूसरी पाली में शिक्षक खाली ही तो बैठेंगे।
इसके अलावा महिला शिक्षिकाएं भी ज्यादा परेशान होंगी। गांव देहात से आने जाने में तमाम समस्याएं होती हैं।
16 पीरियड एक ही शिक्षक किस तरह से लेंगे
राम सहाय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. सुखनंदन त्यागी का कहना है कि लगातार एक शिक्षक 16 पीरियड किस तरह से पढ़ा पाएगा।
सबसे बड़ी बात यह है कि दूसरी पाली के लिए अभी तक अभिभावकों ने सहमति नहीं दी है। सोचने वाली बात यह है कि यदि एक ही बच्चा क्लास में हुआ, तो शिक्षक एक बच्चे को दोबारा वही लेसन किस तरह से बार बार पढ़ा पाएंगे।
महिला शिक्षिकाओं के लिए बढ़ जाएगी समस्या
श्री मल्हू सिंह आर्य कन्या इंटर कालेज मटौर की प्रधानाचार्या व प्रधानाचार्या परिषद यूपी की प्रांतीय मंत्री डॉ. नीरा तोमर का कहना है कि ऐसे में शिक्षिकाएं बहुत परेशान होंगी जिनके बच्चे छोटे होंगे, उनके सामने तमाम समस्याएं आएंगी, क्योंकि सुबह से लेकर शाम तक लगातार पढ़ाने में कई तरह की समस्याएं होंगी। एक पाली को तो वह संभाल रही हैं, लेकिन दूसरी पाली में बहुत समस्याएं आएंगी। छात्राओं की सहमति भी नही है।
दूसरी पाली में तमाम तरह की समस्याएं
केके इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. वीर बहादुर सिंह का कहना है कि दूसरी पाली में शिक्षक भी तैयार नहीं हो रहे हैं। तमाम स्कूलों से सूचनाएं मिल रही हैं।
ऐसे में देखते हैं किस तरह से दो पाली संभव होंगी। यह तो अब 16 अगस्त को ही ठीक से पता चल पाएगा। बाकी तैयारियां चल रही हैं। छात्रों की सहमति दोनों ही पालियों में बहुत कम है।
यह आ रही समस्याएं
- दूसरी पाली के लिए अभिभावकों की सहमति न के बराबर
- पहली व दूसरी पाली के लिए दोनों की सहमति बहुत कम
- गांव देहात से आने वाले शिक्षकों को होगी परेशानी
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