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शिक्षक पर्व में पीएम मोदी ने लॉन्च कीं ये 5 योजनाएं, जानिए इनसे जुड़ी खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 7 सितंबर से 17 सितंबर तक मनाए जाने वाले शिक्षक पर्व 2021 का ऐलान किया।


इस दौरान उन्होंने शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी पांच अहम योजनाएं लॉन्च कीं। 

जिनमें निष्ठा टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम, विद्यांजलि पोर्टल, सीबीएसई स्कूल क्वालिटी एश्योरेंस एंड असेसमेंट फ्रेमवर्क, टॉकिंग बुक्स और इंडियन साइन लेंग्वेज डिक्शनरी शामिल हैं। 

जानिए शिक्षक पर्व के मौके पर पीएम मोदी द्वारा लॉन्च कीं गईं इन योजनाओं के बारे में खास बातें-

1. इंडियन साइन लेंग्वेज डिक्शनरी- छात्रों के कौशल को बढ़ाने के लिए इंडियन साइन लेंग्वेज के  10 हजार शब्द विकसित किए गए हैं।

 इसमें स्कूली शिक्षा स्तर पर यूनिवर्सल डिजाइन ऑफ लर्निंग यूडीएल के अनुरूप आईएसएल, स्पीच और टेक्स्ट तीनों को दीक्षा पोर्टल पर अपलोड किया गया है। 

इस योजना से श्रवण बाधित शिक्षक समेत 13 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।

2. टॉकिंग बुक्स- नई शिक्षा नीति में सभी दृष्टिबाधित छात्रों के लिए सभी एनसीआरटी की किताबों के ईपब संस्करण को टेक्स्ट टू स्पीच के अनुकूल बनाया गया है। इसके अलावा एनसीआरटी ने 2 हजार पाठों पर आधारित ऑडियो को भी विकसित किए हैं।

 ये सभी ऑडियो एनसीआरटी की वेबसाइट और दीक्षा पोर्टल के अलावा मोबाइल ऐप पर भी मौजूद हैं।

 ये योजना 25 लाख दिव्यांग छात्रों, विशेष रूप से दृष्टिबाधित छात्रों के लिए लाभकारी साबित होगी।

3. निष्ठा- सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए यह एक खास प्रशिक्षण होगा। 

यह प्रशिक्षण क्षेत्रीय भाषा में भी विकसित किया गया है। इससे 25 लाख शिक्षक और प्रधान शिक्षकों को लाभ मिलेगा। शिक्षकों को दीक्षा पोर्टल पर ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। 

4. विद्यांजलि- विद्यांजलि पोर्टल समुदाय, स्वंयसेवकों को उनके पसंद के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से सीधे जोड़कर योदगान करने में सक्षम बनाएगा। इसमें कोई भी सेवारत या सेवानिवृ्त्त शिक्षक, गृहणी या अन्य कोई साक्षर व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से सरकारी स्कूल में योगदान दे सकता है।


5. स्कूल क्वालिटी एश्योरेंस एंड असेसमेंट फ्रेमवर्क- नई शिक्षा नीति के अनुसार, सीबीएसई केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के लिए स्टैंडर्ड सेटिंग अथॉरिटी (एसएसए) के तौर पर काम करेगा। 

सीबीएसई ने सभी स्कूलों के कामकाज को शामिल करते हुए एक फ्रेमवर्क तैयार किया है। 

यह पब्लिक डोमेन में रहेगा। इसमें 25,606 स्कूल, लगभग 2 करोड़ बच्चे और 10 लाख शिक्षक शामिल हैं। 

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