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बीएड पर आया ऐसा फैसला, खुशी से झूम उठेंगे लाखों ग्रेजुएट्स

 बैचलर ऑफ एजुकेशन यानी बीएड को लेकर खुशखबरी है. कैट यानी सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने ऐसा फैसला सुनाया है जो देशभर के लाखों उम्मीदवारों को बड़ी राहत देने वाला है।


 केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने बीएड स्पेशल डिग्री को बीएड के समान बताया है। एक मामले में सुनवाई करते हुए सीएटी ने कहा कि बीएड स्पेशल का महत्व उतना ही है जितना BEd की डिग्री का होता है।

 इसलिए अगर किसी अभ्यर्थी ने बीएड स्पेशल डिग्री कोर्स किया है, तो भी वह सामान्य सरकारी स्कूल टीचर की नौकरी पाने के योग्य है।

Special BEd वाले भी बन सकते हैं टीचर

Central Administrative Tribunal के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर आपने सामान्य बीएड की जगह स्पेशल बीएड की डिग्री ली है, तो भी आप सरकारी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं और ये नौकरी पा सकते हैं। यानी बीएड स्पेशल डिग्री वाले कैंडिडेट्स भी सरकारी टीचर बनने की योग्यता रखते हैं।

ट्रिब्यूनल के इस फैसले से देशभर के करीब 1 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों को फायदा मिलेगा।

12 साल बाद मिलेगी नौकरी!

दरअसल CAT का ये फैसला एक उम्मीदवार के साथ हुई ऐसी ही एक घटना के मामले में सुनवाई चल रही थी। मामला कुछ ऐसा था- एक महिला उमा रानी ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा निकाली गई दिल्ली में शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली।

 लेकिन जब नियुक्ति की बारी आई तो DSSSB ने उस महिला को टीचर की नौकरी देने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया था क्योंकि उसके पास बीएड स्पेशल डिग्री थी, बीएड नहीं।

रिपोर्ट के अनुसार, Uma Rani ने 2010 में दिल्ली सरकार के स्कूल में टीजीटी हिन्दी की वैकेंसी के लिए अप्लाई किया था। पहले तो भर्ती परीक्षा होने और रिजल्ट आने में ही 5 साल लग गए।  फिर जब 2015 में रिजल्ट आया तो उमा का रिजल्ट रोक लिया गया।

 कारण पूछने पर डीएसएसएसबी ने बताया कि उनके पास बीएड के बजाय बीएड स्पेशल की डिग्री है। इसलिए वह TGT Hindi की नौकरी के योग्य नहीं हैं।

अब जाकर उमा की लड़ाई पूरी हुई है. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने DSSSB TGT के बोर्ड के पुराने फैसले को खारिज कर दिया।



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