उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सदस्य न होने के कारण शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के 4895 पदों पर भर्ती फंसी हुई है। दीपक कुमार अग्रवाल के मामले में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 29 अगस्त को हाईकोर्ट में कहा था कि छह सप्ताह में सदस्यों के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
इस हिसाब से 14 अक्तूबर तक सदस्य मिल जाने चाहिए थे लेकिन डेडलाइन बीतने के बावजूद सदस्यों का चयन नहीं हो सका।
यह स्थिति तब है जबकि चयन बोर्ड में आठ अप्रैल से ही सदस्यों के सभी दस पद खाली हैं। अध्यक्ष वीरेश कुमार रुटीन काम ही देख रहे हैं।
इसी का नतीजा है कि प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर आवेदन लेने के चार महीने बाद भी परीक्षा तिथि तक घोषित नहीं हो सकी है।
टीजीटी-पीजीटी के लिए 16 जून तक आवेदन लिए गए थे। वहीं प्रधानाचार्यों के 632 पदों पर भर्ती के लिए 2013 में शुरू हुई प्रक्रिया भी साक्षात्कार होने के बावजूद लंबित है।
कोर्ट का कड़ा रुख देख छह माह में पूरी कर ली थी भर्ती
जो चयन बोर्ड टीजीटी-पीजीटी 2022 के 4163 पदों पर आवेदन लेने के चार महीने बाद तक परीक्षा तिथि घोषित नहीं कर सका है।
उसी ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद टीजीटी-पीजीटी 2021 के 15198 पदों पर आवेदन लेने के छह महीने के अंदर भर्ती पूरी कर दी थी। चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2021 के लिए पिछले साल 20 मई 2021 तक आवेदन लिए थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिन रात काम करके चयन बोर्ड ने 31 अक्तूबर तक सभी पदों के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए थे। लेकिन इस बार टीजीटी-पीजीटी 2022 के 4163 पदों पर 16 जून तक आवेदन लेने के तकरीबन छह महीने बाद परीक्षा तिथि तक घोषित नहीं की जा सकी है।
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