प्रयतेजी से बढ़ रहे कोरोना संकमण के बीच अगस्त में चार बड़ी
परीक्षाएं होनी हैं।
जिन अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में शामिल होना है, वे संक्रमण की आशंका से सहमे हुए हैं।
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ये सभी परीक्षाएं उत्तर प्रदेश में होनी हैं। अभ्यर्थियों ने परीक्षाएं स्थगित किए जाने की मांग को लेकर ट्विटर पर अभियान छेड़ दिया है।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल को बड़ी संख्या ट्वीट कर और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को ई-मेल पर पत्र भेजकर परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की गई है।
बीएड प्रवेश परीक्षा नौ अगस्त को प्रस्तावित है, जिसमें तकरीबन पांच लाख अभ्यर्थियों को शामिल होना है।
१६ अगस्त को खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की परीक्षा प्रस्तावित है।
बीईओ के ३०९ पदों पर भर्ती के लिए प्रदेश भर से साढ़े पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।
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वहीं, २३ अगस्त को कंप्यूटर सहायक (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) परीक्षा-२०१९ का आयोजन किया जाना है, जबकि २५ अगस्त से पीसीएस-२०१९ की मुख्य परीक्षा होने जा रही है,ख्जिसमें छह हजार से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना है।
बीएड की परीक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय करा रहा है, जबकि बाकी तीन परीक्षाएं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कराएगा।
प्रांतीय सिविल सेवा के मार्गदर्शक दुर्गेश त्रिपाठी, भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्रों ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि बीएड प्रवेश परीक्षा में लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों को शामिल होना है।
प्रतापगढ़ वालों का सेंटर लखनऊ, आजामगढ़ वालों का सेंटर कन्नौज और इसी तरह अन्य जिलों के अभ्यर्थियों का सेंटर उनके जिलों से दो-दो सौ किमी की दूरी पर बनाया गया है।
इस परीक्षा में बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थियों को शामिल होना है। उनके साथ अभिभावक भी जाएंगे।
दूसरे जिलों तक जाने के लिए हर अभ्यर्थी के पास निजी साधन उपलब्ध नहीं है।
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कोरोना संक्रमण को देखते हुए किसी रिश्तेदार के घर रुक नहीं सकते और मौजूदा परिस्थितियों में होटल में रुकना ठीक नहीं है। परीक्षा केंद्रों में भी भीड़ रहेगी।
अगर परीक्षा कक्ष में कोई एक संक्रमित भी पहुंचता है तो वहां मौजूद सबके लिए खतरा होगा।
इसी तरह से बीईओ की प्रारंभिक परीक्षा में भी तकरबन साढ़े पांच लाख अभ्यर्थियों को शामिल होना है।
प्रयागराज, मेरठ, लखनऊ समेत प्रदेश के १८ जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
कोरोना संक्रमण के मामले में इनमें से कई जिले अतिसंवेदनशील हैं। ऐसे में जब इन जिलों में हजारों परीक्षार्थियों की भीड़ पहुंचेगी तो उनके साथ वहां रहने वालों के लिए भी संकट बढ़ जाएगा।
यही समस्या कंप्यूटर सहायक (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) परीक्षा-२०१९ और पीसीएस मेंस-२०१९ के अभ्यर्थियों के सामने भी आएगी।
प्रतियोगी छात्रों ने मांग की है कि मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं को स्थगित कर दिया जाए।
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बीएड परीक्षा के खिलाफ इविवि में हुआ प्रदर्शन प्रयागराज
तेजी से बढ़ रहे कोराना संक्रमण के बीच बीएड प्रवेश परीक्षा कराए नौ अगस्त को कराए जाने के विरोध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर छात्रों ने प्रदर्शन किया।
साथ ही पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक तरह जहां लोग बाहर निकलने से कतरा रहे हैं, वहीं प्रदेश सरकार का परीक्षा कराने निर्णय छात्रों को इस महामारी में जानबूझकर झोंकने के बराबर है।
प्रदर्शन में छात्र नेता सत्यम कुशवाहा, अभिषेक, दुर्गेश, शाश्वत, विजय, रोहित, पंकज, सत्यम पाल, अमित पांडेय आदि शामिल रहे।
परीक्षाएं होनी हैं।
जिन अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में शामिल होना है, वे संक्रमण की आशंका से सहमे हुए हैं।
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ये सभी परीक्षाएं उत्तर प्रदेश में होनी हैं। अभ्यर्थियों ने परीक्षाएं स्थगित किए जाने की मांग को लेकर ट्विटर पर अभियान छेड़ दिया है।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल को बड़ी संख्या ट्वीट कर और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को ई-मेल पर पत्र भेजकर परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की गई है।
बीएड प्रवेश परीक्षा नौ अगस्त को प्रस्तावित है, जिसमें तकरीबन पांच लाख अभ्यर्थियों को शामिल होना है।
१६ अगस्त को खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की परीक्षा प्रस्तावित है।
बीईओ के ३०९ पदों पर भर्ती के लिए प्रदेश भर से साढ़े पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।
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वहीं, २३ अगस्त को कंप्यूटर सहायक (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) परीक्षा-२०१९ का आयोजन किया जाना है, जबकि २५ अगस्त से पीसीएस-२०१९ की मुख्य परीक्षा होने जा रही है,ख्जिसमें छह हजार से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना है।
बीएड की परीक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय करा रहा है, जबकि बाकी तीन परीक्षाएं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कराएगा।
प्रांतीय सिविल सेवा के मार्गदर्शक दुर्गेश त्रिपाठी, भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्रों ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि बीएड प्रवेश परीक्षा में लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों को शामिल होना है।
प्रतापगढ़ वालों का सेंटर लखनऊ, आजामगढ़ वालों का सेंटर कन्नौज और इसी तरह अन्य जिलों के अभ्यर्थियों का सेंटर उनके जिलों से दो-दो सौ किमी की दूरी पर बनाया गया है।
इस परीक्षा में बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थियों को शामिल होना है। उनके साथ अभिभावक भी जाएंगे।
दूसरे जिलों तक जाने के लिए हर अभ्यर्थी के पास निजी साधन उपलब्ध नहीं है।
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कोरोना संक्रमण को देखते हुए किसी रिश्तेदार के घर रुक नहीं सकते और मौजूदा परिस्थितियों में होटल में रुकना ठीक नहीं है। परीक्षा केंद्रों में भी भीड़ रहेगी।
अगर परीक्षा कक्ष में कोई एक संक्रमित भी पहुंचता है तो वहां मौजूद सबके लिए खतरा होगा।
इसी तरह से बीईओ की प्रारंभिक परीक्षा में भी तकरबन साढ़े पांच लाख अभ्यर्थियों को शामिल होना है।
प्रयागराज, मेरठ, लखनऊ समेत प्रदेश के १८ जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
कोरोना संक्रमण के मामले में इनमें से कई जिले अतिसंवेदनशील हैं। ऐसे में जब इन जिलों में हजारों परीक्षार्थियों की भीड़ पहुंचेगी तो उनके साथ वहां रहने वालों के लिए भी संकट बढ़ जाएगा।
यही समस्या कंप्यूटर सहायक (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) परीक्षा-२०१९ और पीसीएस मेंस-२०१९ के अभ्यर्थियों के सामने भी आएगी।
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बीएड परीक्षा के खिलाफ इविवि में हुआ प्रदर्शन प्रयागराज
तेजी से बढ़ रहे कोराना संक्रमण के बीच बीएड प्रवेश परीक्षा कराए नौ अगस्त को कराए जाने के विरोध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर छात्रों ने प्रदर्शन किया।
साथ ही पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक तरह जहां लोग बाहर निकलने से कतरा रहे हैं, वहीं प्रदेश सरकार का परीक्षा कराने निर्णय छात्रों को इस महामारी में जानबूझकर झोंकने के बराबर है।
प्रदर्शन में छात्र नेता सत्यम कुशवाहा, अभिषेक, दुर्गेश, शाश्वत, विजय, रोहित, पंकज, सत्यम पाल, अमित पांडेय आदि शामिल रहे।
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