कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षक मामले में चल
रही जांच में मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों को संदिग्ध जिलों का नोडल अफसर बनाया गया है।
ये अधिकारी इन जिलों में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की समीक्षा करेंगे।
वहीं लगभग दो डायट प्राचार्यों को भी इस काम में लगाया जा रहा है।
इसके अलावा जहां से शिकायत मिल रही है वहां की अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए जांच करवाई जा रही है।
नोडल अधिकारियों से 20 जुलाई तक जांच रिपोर्ट मांगी गई है।
अभी तक केजीबीवी में 26 शिक्षक फर्जी मिले हैं। वहीं 185 ऐसे हैं जिनके प्रमाणपत्र संदिग्ध पाए गए हैं।
बुधवार को बस्ती के प्रमाणपत्रों की जांच राज्य परियोजना निदेशालय पर होगी।
यहां से शिकायतें मिलने के बाद सभी प्रमाणपत्रों समेत अधिकारियों को लखनऊ बुलाया गया है।
डायट प्राचार्यों को जिला बांटने के बाद भी जिले बचेंगे तो परियोजना के अधिकारियों को भी भेजा जाएगा। सत्यापन प्रक्रिया की जांच ग्रेड 'ए' के अफसर ही करेंगे। इन अधिकारियों को न सिर्फ सत्यापन की प्रक्रिया की जांच करनी है बल्कि ये रैण्डम तरीके से प्रमाणपत्र भी जांचने होंगे।
वहीं जो शिक्षक संदिग्ध मिले हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है।
फिलहाल आगरा मंडल के एडी बेसिक को एटा, मेरठ मंडल के एडी को बरेली, अलीगढ़ मंडल के अधिकारी को बदायूं, बरेली के एडी को बिजनौर, प्रयागराज के एडी को आजमगढ़, वाराणसी के एडी को सिद्धार्थनगर, मिर्जापुर के एडी बेसिक को गाजीपुर, लखनऊ के अधिकारी को सुलतानपुर, गोरखपुर के एडी बेसिक को संत कबीर नगर, बस्ती के एडी बेसिक को कुशीनगर, मुरादाबाद के एडी बेसिक को खीरी, कानपुर मंडल के एडी को हरदोई, अयोध्या के एडी को गोण्डा, देवीपाटन के एडी को अमेठी, आजमगढ़ के एडी को वाराणसी, झांसी के एडी को हमीरपुर और चित्रकूट के एडी को जालौन जिले की जांच सौंपी गई है।
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