इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती 2018 की शारीरिक दक्षता
परीक्षा में सफल घोषित होने के बावजूद चयनित नही किए जाने को लेकर दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए नौ सितंबर को पेश करने का निर्देश दिया है ।
कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट के राम कुमार गिरोजया केस पढ़ कर पक्ष रखने का समय दिया है।
याची अधिवक्ता प्रशांत मिश्र का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रोविजनल चयन सूची जारी होने से पहले अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र जमा किया जा सकता है।
जिस पर एकलपीठ ने विचार नहीं किया है। जिस पर यह विशेष अपील दाखिल की गई है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने अनस अनवर की विशेष अपील पर दिया है।
याची का कहना है कि परीक्षा में सफल घोषित होने के बावजूद अंतिम परिणाम में उसे शामिल नही किया गया है।
जाति प्रमाणपत्र समय से न पेश करने के आधार पर ऐसा किया गया है। जब कि याची ने पर िणाम घोषित होने से पहले प्रमाणपत्र जमा कर दिया था।
परीक्षा में सफल घोषित होने के बावजूद चयनित नही किए जाने को लेकर दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए नौ सितंबर को पेश करने का निर्देश दिया है ।
कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट के राम कुमार गिरोजया केस पढ़ कर पक्ष रखने का समय दिया है।
याची अधिवक्ता प्रशांत मिश्र का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रोविजनल चयन सूची जारी होने से पहले अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र जमा किया जा सकता है।
जिस पर एकलपीठ ने विचार नहीं किया है। जिस पर यह विशेष अपील दाखिल की गई है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने अनस अनवर की विशेष अपील पर दिया है।
याची का कहना है कि परीक्षा में सफल घोषित होने के बावजूद अंतिम परिणाम में उसे शामिल नही किया गया है।
जाति प्रमाणपत्र समय से न पेश करने के आधार पर ऐसा किया गया है। जब कि याची ने पर िणाम घोषित होने से पहले प्रमाणपत्र जमा कर दिया था।
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