केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से आयोजित होने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (कठईटी) की वैधता सात साल से बढ़ाकर आजीवन कर दी गई है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 29 सितंबर को 50 वीं आम सभा की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
यूपी की शिक्षक भर्ती में कठईटी मानने के कारण प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को भी इस निर्णय का लाभ मिलेगा।
एनसीटीई की ओर से 13 नवंबर को जारी मिनट्स में कहा गया है कि आगे से होने वाले स्पिनईटी की वैधता आवनवन होगी।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईईटी) पांच साल के लिए मान्य होती है। पीठईटी की वैधता आजीवन होने के कारण यूपी-टीईटी में भी इसकी मांग उठ सकती है।
सीबीएसई हर साल दो बार धांई परीक्षा आयोजित करता है। पहली परीक्षा जुलाई और दूसरी दिसंबर के महीने में आयोजित की जाती है।
सीटेट के पेपर -1 में भाग लेने वाले सफल उम्मीदवार कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं।
जबकि पेपर -2 में बैठने वाले सफल अभ्यर्थी कक्षा 6 से 8 वीं तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने हैं।
सीटेट (CTET) के पहले के नियमों के अनुसार सीटेट सर्टिफिकेट की वैधता 7 साल (रिजल्ट डेट के बाद से) की रहती थी। लेकिन अब यह आजीवन मान्य रहेगा।
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