इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 की 5306 कनिष्ठ सहायकों की
भर्ती में बचे पदों को भरने एवं कैरी फारवर्ड करने पर रोक लगाने की मांग में दाखिल याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का अंतिम मौका दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने हरिशंकर चतुर्वेदी, अनिरुद्ध पांडेय सहित 24 अभ्यर्थियों की याचिका पर दिया है। याचिका के अनुसार 1999 के शासनादेश में सिंगल कैडर पोस्ट की भर्ती में प्रतीक्षा सूची निकालना अनिवार्य है।
इसके बावजूद इस परीक्षा में प्रतीक्षा सूची नहीं तैयार की गई है। पद खाली होने के बावजूद अभ्यर्थियों को चयनित होने का अवसर नहीं दिया जा रहा है।
याची का कहना है कि योग्य अभ्यर्थियों के बावजूद बचे पदों को न भरकर कैरी फॉरवर्ड करने की कोशिश की जा रही है, जो भर्ती नियमों का खुला उल्लंघन है।
UPSSSC : यूपी में ग्रुप सी पदों पर भर्ती के लिए देनी होगी प्रारंभिक परीक्षा, 1 साल तक मान्य होंगे अंक
यूपी सरकार ने ग्रुप सी के पदों पर भर्ती में होने वाली किसी भी प्रकार की धांधली रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू की है।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ( यूपीएसएसएससी ) इसके लिए द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली में प्रारंभिक परीक्षा (पेट) कराएगा। इसके नतीजे परसेंटाइल स्कोर के आधार पर घोषित किए जाएंगे। यह एक साल के लिए मान्य होगा।
अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंहल ने इस संबंध में शासनादेश कर दिया है। प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन साल में एक बार होगा। नई व्यवस्था में कुल प्राप्तांकों के स्थान पर परसेंटाइल स्कोर ही घोषित किया जाएगा।
इसके आधार पर ही मुख्य परीक्षा के आवेदनकर्ताओं की शॉर्टलिस्टिंग की जाएगी। विभिन्न विभागों की विशिष्ट जरूरतों व सेवा नियमावलियों के प्रावधानों के अनुसार प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षा के स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्टिंग किए गए अभ्यर्थियों के लिए मुख्य परीक्षा, कौशल परीक्षा या शारीरिक परीक्षा कराई जाएगी।
प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंक अगले एक वर्ष या केंद्र सरकार द्वारा भविष्य में आयोजित की जाने वाली परीक्षा में प्राप्त अंक, जो भी पहले हो तक के लिए मान्य होंगे।
राष्ट्रीय भर्ती संस्था (एनआरए) के गठन के बाद आयोग द्वारा मुख्य परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों की शार्टलिस्टिंग में एनआरए के सामान्य अर्हता परीक्षा (सीईटी) के स्कोर का ही उपयोग किया जाएगा। नई व्यवस्था से अभ्यर्थियों को अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं के लिए बार-बार आवेदन की जरूरत नहीं होगी।
‘अपने अभ्यर्थी को जाने’ प्रक्रिया को अपनाते हुए उनका एक बारगी पंजीकरण कराए जाने और द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के अंतर्गत समूह ग के विभिन्न विभागों के सभी प्रकार के पदों के लिए प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षा आयोजित होगी।
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