इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को 68500
सहायक अध्यापकों की भर्ती में शामिल अभ्यर्थी पुष्पेंद्र को एक प्रश्न का अंक देने और उसके परिणामस्वरूप मिलने वाले अन्य लाभ देने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने पुष्पेंद्र सिंह की याचिका पर अधिवक्ता तरुण अग्रवाल, प्रखर सरन श्रीवास्तव व प्रशांत मिश्र को सुनकर दिया है।
एडवोकेट तरुण अग्रवाल, प्रखर सरन श्रीवास्तव व प्रशांत मिश्र ने कोर्ट को बताया कि भर्ती परीक्षा में याची को ए सीरीज की बुकलेट मिली थी, जिसमें प्रश्न संख्या 37 के लिए उसका उत्तर आंसर-की से मिलान करने पर गलत पाया गया।
इस कारण याची को उस प्रश्न का अंक नहीं मिला जबकि वही प्रश्न बुकलेट सीरीज सी में 10वें नंबर पर आया था।
कहा गया कि कुछ अभ्यर्थियों ने भी वही उत्तर दिया, जो याची ने दिया है।
बाद में उन अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आंसर-की में दिए उत्तर को चुनौती दी।
याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि याचियों का उत्तर सही है और आंसर-की का उत्तर गलत है।
इस आधार पर कोर्ट ने उस प्रश्न का एक अंक देने का निर्देश दिया। अधिवक्ताओं ने कहा कि पुष्पेंद्र का मामला भी वैसा ही है। इसलिए उसे भी प्रश्न संख्या 37 का अंक दिया जाए।
कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी को निर्देश दिया कि याची का उत्तर सही है और आंसर-की का गलत है। इसलिए याची को प्रश्न संख्या 37 का अंक दिया जाए और उसके परिणामस्वरूप मिलने वाले अन्य लाभ भी दिए जाएं।
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