एसएससीजीडी 2018 के तहत केंद्रीय सुरक्षा बलों में विभिन्न पदों के
लिए शुरु की गई भर्ती प्रक्रिया अब जनवरी 2021 में खत्म होने जा रही है।
यानी चौथे साल में परीक्षा का फाइनल परिणाम घोषित किया जाएगा। इस परीक्षा में करीब 85 हजार आवेदक मेडिकल पास उम्मीदवारों की सूची में शामिल हो गए हैं, जबकि भर्ती के पद लगभग साठ हजार हैं।
अब ये आवेदक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि सभी 85 हजार आवेदकों को केंद्रीय सुरक्षा बलों में भर्ती होने का अवसर कैसे मिलेगा। इनकी मांग है कि सरकार 25 हजार अतिरिक्त पद सृजित करे।
वजह, इन्होंने चार साल रिजल्ट का इंतजार किया है। अब दूसरे चांस के लिए इनकी उम्र निकल गई है।
अगर इनका नाम फाइनल सूची में नहीं आता है तो केंद्रीय सुरक्षा बलों में भर्ती होने का सपना टूट जाएगा।
अपनी मांग के समर्थन में ये आवेदक यह तर्क देते हैं कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में एक लाख से अधिक पद खाली हैं, यह बात खुद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मानी है।
ऐसे में 25 हजार नए पद सृजित करने में कोई बाधा नहीं आएगी। आवेदकों का कहना है कि जनवरी के तीसरे सप्ताह में भर्ती परीक्षा का फाइनल रिजल्ट घोषित हो जाएगा।
अगर नए पद सृजित नहीं होते हैं तो 25 हजार आवेदकों का क्या होगा। इन सबका मेडिकल भी हो चुका है।
इनका नाम मेडिकल पास आवेदकों की सूची में शामिल है। मनीष यादव, अमित प्रिया, राहुल कुमार, अजीत सिंह, अर्चिता राजावत, अरुण झा, दीपिका सिंह व सूरज कुमार आदि आवेदकों का कहना है कि इसमें हमारा क्या कसूर है।
साल 2018 में भर्ती प्रक्रिया का विज्ञापन आता है। हमने फार्म भर दिया। अगले साल शारीरिक एवं लिखित परीक्षा आदि पड़ाव पार कर लिए। उसके अगले वर्ष यानी 2019 में मेडिकल जांच शुरु हुई।
पहले मेडिकल हुआ और उसके बाद मेडिकल रिव्यू। इसी में साल निकल गया। सभी आवेदक इसी भर्ती प्रक्रिया में उलझे रहे। अब चौथे साल में भर्ती का अंतिम नतीजा आ रहा है।
इसमें हमारा क्या कसूर है। अगर यही भर्ती प्रक्रिया आठ नौ माह में संपन्न हो जाती तो उसके बाद दोबारा से भर्ती निकल सकती थी।
जो उम्मीदवार रह गए, वे दूसरा चांस ले सकते थे, मगर एसएससीजीडी 2018 का फाइनल परिणाम जब 2021 में आ रहा है तो स्थिति को समझ सकते हैं।
इस भर्ती के लिए मेडिकल पास कर चुके उम्मीदवारों में से दो तिहायी आवेदकों की उम्र निकल चुकी है। यानी ये आवेदक अब भर्ती नहीं हुए तो इसके बाद कभी भर्ती नहीं हो सकेंगे। इसका कारण है कि ये सब दूसरी भर्ती के लिए ओवर एज हो चुके हैं।
समस्या समाधान के लिए केंद्र सरकार को सैंकड़ों ज्ञापन
युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम बताते हैं कि इस बारे में केंद्र सरकार को सैंकड़ों ज्ञापन दिए जा चुके हैं कि भर्ती प्रक्रिया संपन्न करने की अवधि अधिकतम एक साल रखी जाए। जब कई साल में रिजल्ट आता है तो उससे लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में चला जाता है। एसएससी और दूसरी भर्ती एजेंसियों की यह जवाबदेही तय होनी चाहिए कि भर्ती का परिणाम एक साल के भीतर अवश्य जारी हो जाए।
कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने एसएससी आवेदकों की इस मांग को विभिन्न माध्यमों से उठाया है। एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह कहते हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया गया कि सभी मेडिकल फिट युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा।
इससे संशय की स्थिति बनी हुई है। एक लाख ग्यारह हजार सिपाहियों के पद केंद्रीय सुरक्षा बलों में खाली पड़े हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री नित्यानंद राय संसद में यह बयान दे चुके हैं। साठ हजार वैकेंसी पहले से ही हैं तो अब नहीं लगता कि 25 हजार सिपाहियों को अलग से भर्ती करने में सरकार का बजट गड़बड़ाएगा। अगर सरकार ये फैसला ले लेती है तो हजारों घरों में रोशनी हो जाएगी।
रणबीर सिंह ने जोर देकर कहा कि अगर केंद्र सरकार सभी मेडिकल फिट युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी नहीं करती तो इसमें से ज्यादातर युवा तय आयु सीमा की दहलीज पार कर जाएंगे। इसका जिम्मेदार कौन होगा। सरकार ने सभी मेडिकल फिट युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया तो कॉनफेडरेशन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन पहले से तयशुदा कार्यक्रम 14 फरवरी को पुलवामा शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद बाकी मेडिकल फिट युवाओं को लेकर जंतर-मंतर पर बेमियादी धरना प्रदर्शन करेगा।
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