बालिकाओं की शिक्षा में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान के
लिए बनाई गई कार्ययोजना में कई नए बिन्दुओं को शामिल किया गया है।
इसमें बालिकाओं को समूह में स्कूल आने-जाने का सुझाव दिया गया है। आपात स्थिति में मदद के लिए उन्हें महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करना भी सिखाया जाएगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि विभाग ने जेंडर संवेदीकरण के संबंध में गत पांच जनवरी को संचालित यू-ट्यूब सत्र में हुई चर्चा के आधार पर बालिकाओं को विद्यालय में अनुभव होने वाली चुनौतियों को चिह्नित करते हुए कार्ययोजना विकसित की है।
इसके तहत घर से विद्यालय जाने एवं वापस आने के रास्ते, विद्यालय के अंदर, कक्षा के अंदर, शिक्षकों की मनोवृत्ति एवं विश्वास तथा परिवार एवं समुदाय की सोच में बदलाव से संबंधित कार्ययोजना तैयार की गई है।
कार्ययोजना में यूनीसेफ के सहयोग से देवीपाटन मंडल में कराए गए अध्ययन के निष्कर्षों को भी शामिल किया गया है।
कार्ययोजना में बालिकाओं में आत्मरक्षा प्रशिक्षण द्वारा क्षमता में वृद्धि करने, स्थानीय प्रभावशाली लोगों को चिह्नित कर रोस्टर बनाते हुए बच्चों को स्कूल लाने व ले जाने में उनका सहयोग लेने तथा मीना मंच के माध्यम से बालिकाओं को कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने को कहा गया है।
इसी तरह विद्यालय में जेंडर तटस्थ नियम बनाने एवं उसे लागू कराने, प्रार्थना सभा एवं अन्य समारोहों में बालिकाओं को नेतृत्वकारी भूमिका प्रदान करने तथा लैंगिक पूर्वांग्रहों को तोड़ने के लिए ऐसी रोल मॉडल महिला को विद्यालय में आमंत्रित करने को कहा गया है, जिन्होंने लीक से हटकर समाज में अपना स्थान बनाया है।
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