प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर
पद पर चयनित महिला अभ्यर्थियों को हाई मेरिट के बावजूद सिर्फ महिला कॉलेज देने के विरुद्ध दाखिल याचिका पर उच्चतर शिक्षा आयोग और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि इस दौरान याचियों की वरीयता के कॉलेजों में किसी अन्य की नियुक्ति की गई तो वह इस याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने पूजा दुबे व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है।
एडवोकेट सीमांत सिंह ने कोर्ट को बताया कि याची विज्ञापन संख्या 42 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में एजूकेशन विषय की चयनित हैं। उनकी मेरिट काफी ऊपर है और रेग्युलेशन 2014 के तहत रिजल्ट मेरिट के अनुसार घोषित किया जाना चाहिए।
इसके अनुसार मेरिट में ऊपर रहने वाली महिला अभ्यर्थी सामान्य कॉलेज और महिला कॉलेज दोनों की वरीयता दे सकती हैं। याची संख्या एक ने 29 कॉलेज में वरीयता में दी जबकि याची संख्या दो ने 34 कॉलेज वरीयता में भरे थे।
इसके बावजूद आयोग ने उन्हें सिर्फ महिला कॉलेजों तक सीमित कर दिया जबकि अन्य विषयों में ऐसा नहीं किया गया। अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता के अनुसार नियुक्ति दी गई है।
कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय मानते हुए आयोग से जवाब मांगा है और याचियों की वरीयता के कॉलेजों में की गई नियुक्तियों को याचिका के निर्णय पर निर्भर किया है।
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