UP TEACHERS TRANSFER : हाई कोर्ट मे याचिका की भी अटकलें, तबादले 21695, न रिलीविंग का आदेश न ही पारस्परिक स्थानांतरण सूची की चर्चा - updatesbit

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UP TEACHERS TRANSFER : हाई कोर्ट मे याचिका की भी अटकलें, तबादले 21695, न रिलीविंग का आदेश न ही पारस्परिक स्थानांतरण सूची की चर्चा

प्रयागराज: नए साल पर बेसिक शिक्षा परिषद ने अंतर जिला तबादले


की सौगात दी। 

बड़ी संख्या में शिक्षक तबादला ना होने से नाराज है लेकिन जिन 21695 का तबादला हो गया आपको भी परिषद की कार्यशैली से खासे खफा हैं वजह 7 दिन बाद भी रिलीविंग होने का आदेश जारी नहीं हुआ है।

 अभी जहां का तहां फंसे हैं वह मनचाहे जिले में जल देना चाहते हैं लेकिन विभाग बाधा बनी है।

बड़ी संख्या में शिक्षक तबादला ना होने से नाराज है लेकिन जिन 21695 का तबादला हो गया वे भी परिषद की कार्यशैली से खासे खफा हैं वजह 7 दिन बाद भी रिलीविंग होने का आदेश जारी नहीं हुआ है अभी जहां का तहां फंसे हैं वह मनचाहे जिले में जल देना चाहते हैं लेकिन विभाग बाधा बना है।

ऐसा भी नहीं है कि परिषद ने पहली बार अंतर जिला तबादले किए हैं इसके पहले स्थानांतरण सूची आने के साथ 10 दिन में स्थानांतरित जिले में कार्यभार ग्रहण करने का आदेश भी हो रहा है लेकिन इस बार अफसर चुप्पी साधे हैं।

परिषद कार्यालय की तरफ से ना तो जिला को स्थानांतरित शिक्षकों की सूची भेजी गई और ना ही रिलीज के दिशा निर्देश दिए गए हैं। सभी शिक्षक परेशान है और मुख्यालय के अफसर भी वाजिब जवाब नहीं दे पा रहे हैं। 

ज्ञात हो कि परिषदीय शिक्षकों के अंतर्जनपदीय प्रक्रिया में 2 दिसंबर 2019 से चल रही है। परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल के मोबाइल नंबर पर कई बार फोन किया गया लेकिन वह फोन भी नहीं उठा रहे हैं।

पारस्परिक की सूची का अता पता नहीं

सामान्य स्थानांतरण के साथ ही विभाग ने लगभग 9641 शिक्षकों से पारस्परिक स्थानांतरण के लिए भी आवेदन लिया है,किंतु अभी तक इन शिक्षकों को भी मायूसी हाथ लगी है।

 शिक्षक पारस्परिक स्थानांतरण की सूची जारी करने को लगातार मांग कर रहे हैं अभ्यर्थी का कहना है कि जब दोनों प्रक्रिया साथ साथ चली तो सूची का प्रकाशन भी साथ ही होना चाहिए था,।

हाई कर्ट में याचिका की भी अटकलें

परिषदीय शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में विशेष अपनी दाखिल करने की चर्चा है। कहां जा रहा है कि कुछ कुछ शिक्षकों ने याचिका में कहा है कि शासनादेश में पुरुषों को 3 साल और महिलाओं को 1 साल सेवा अवधि का उल्लेख था लेकिन, ऐन मौके पर उसे बदलकर 5 साल और 2 साल किया गया है।

 यह शासनादेश की अवहेलना है। परिषदीय नियम नए तबादलों में भी लागू कर सकता था लेकिन जानबूझकर पहले से चल रही प्रक्रिया को बाधित किया गया है। हालांकि परिजन नहीं आज क्या की नोटिस मिलने की पुष्टि नहीं की है।


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