उत्तर प्रदेश में सत्र 2021-23 के लिए बीएड में प्रवेश की प्रक्रिया
शुरू होने के साथ ही एकमुश्त फीस का मुद्दा भी गरमाने लगा है।
प्रवेश परीक्षा में सफल होकर काउंसिलिंग प्रक्रिया से प्रवेश लेने वाले उन छात्रों को एकमुश्त फीस जमा करने में बड़ी दिक्कतें आती हैं, जिन्हें प्राइवेट कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।
इन कॉलेजों में सीट आवंटित होने पर उसे एकमुश्त 51250 रुपये जमा करने पड़ते हैं।
पिछले सत्र में भी गरीब परिवारों के बच्चों ने फीस जमा करने की इस व्यवस्था में बदलाव करने की मांग उठाई थी। वे किस्तों में फीस जमा करने की सुविधा चाहते हैं।
इस बार प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन ने ही यह मुद्दा उठा दिया है। एसोसिएशन ने प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर रहे लखनऊ विश्वविद्यालय के अलावा शासन तक को इस बाबत नया प्रस्ताव दिया है। एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण इस बार परिस्थितियां और भी विषम हैं।
बहुत से लोगों का स्वरोजगार बर्बाद हो गया है तो बहुत से लोगों की नौकरियां छिन गई हैं। लोगों की आय में भी जबरदस्त गिरावट आई है।
इस कारण लोग चाहकर भी अपने बच्चों को बीएड एवं अन्य पाठ्यक्रमों की पूरी फीस एक साथ जमा करने की स्थिति में नहीं हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि शासन को इस बारे में एक प्रस्ताव दिया गया है। इसमें यह सुझाव दिया गया है कि काउंसिलिंग के समय सीट कन्फर्म करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय प्रथम वर्ष की कुल तय फीस 51250 रुपये में से केवल 10 हजार रुपये जमा कराए।
फीस की रकम के शेष 41250 रुपये अभ्यर्थी को उस कॉलेज में ही जमा करने की सुविधा दी जाए, जहां उसे प्रवेश दिया गया है। इससे छात्रों पर एक साथ आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा और कॉलेज उसे अपने स्तर से राहत भी दे सकेंगे।
No comments:
Post a Comment