त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लगे 700 से अधिक
शिक्षकों/कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई।
शिक्षक संघ ने मुद्दा उठाया और हंगामा बढ़ा तो अब उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिैंह बघेल ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी करते हुए सत्यापन रिपोर्ट तलब कर ली है।
पंचायत चुनाव के दौरान कोविड संक्रमित शिक्षकों की मौत के सैकड़ों मामले सामने आए। इससे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया। शिक्षक संघ ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग शुरू कर दी।
प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश ने बेसिक शिक्षा परिषद को शिक्षकों की एक सूची उपलब्ध कराई, जिसमें बताया गया है कि जनपदीय शाखाओं से मिली सूचना के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लगे प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के 706 शिक्षकों/कर्मचारियों की कोविड संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई।
शिक्षक संघ की ओर से मिली इस सूची को संज्ञान में लेते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि सूची में शामिल जनपद से संबंधित शिक्षक/कर्मचारी का सत्यापन करा लिया जाए कि क्या इनकी ड्यूटी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लगाई गई थी और इनकी मृत्यु कोविड-19 संक्रमण के कारण हुई है।
सचिव ने इसकी प्रमाणित आख्या तत्काल उपलब्ध कराने को कहा है।
सभी शिक्षकों को टीका लगवाने का लक्ष्य
बेसिक शिक्षा परिषद ने कक्षा एक से आठ तक के सभी परिषदीय विद्यालयों, सहयता प्राप्त विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कार्यरत शैक्षिक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कोविड-19 से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें टीका लगसवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों को कोविड-19 से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण हेतु कोविन प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करने के साथ स्थानीय जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
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