पीलीभीत: सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में चलने वाली
ई. पाठशाला के संचालन में बच्चों के पास संसाधनों की खासी कमी आड़े रही है।
विभाग ने अब इसका भी रास्ता खोज लिया गया है। बच्चों को ई-पाठशाला से जोड़ने के लिए प्रेरणा साथी की मदद ली जाएगी। गांव-गांव इनका चयन शुरू हो गया है।
यह प्रेरणा साथी स्कूल और बच्चों के बीच एक कड़ी का काम करेंगे। इनका मुख्य कार्य बच्चों को ई-पाठशाला से जुड़ने के लिए प्रेरित करना होगा। जनपद में 1502 परिषदीय स्कूल हैं। इसमें 931 प्राथमिक, 294 उच्च प्राथमिक और 277
कंपोजिट विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार कम होने के बाद इन परिषदीय विद्यालयों में कक्षा आठ के बच्चों की पढ़ाई ई-पाठशाला के माध्यम से शुरू कराई गई है, मगर बेसिक शिक्षा विभाग की ई-पाठशाला संसाधनों के बिना बच्चों को निर्धारित दायरे में ही लाभान्वित कर पा रही है।
इधर इन स्कूलों के बच्चों के पास एंड्रायड फोन न होने या फिर डाटा की व्यवस्था न होने से ऑनलाइन शिक्षा कारगर साबित होती नहीं दिख रही है।
यही वजह है कि परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत 1.68 लाख बच्चों में मात्र 40 हजार बच्चे ही ई-पाठशाला से जुड़े सके हैं। इधर विभाग द्वारा ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोड़ने के लिए वालंटियर्स आन बोडिंग ड्राइव शुरू किया है।
इसके तहत प्रत्येक गांव से कम से कम युवक या युवती को बतौर प्रेरणा साथी का चयन किया जा रहा है। यह प्रेरणा साधी स्कूल और बच्चों के बीच एक कड़ी का काम करेंगे।
सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय से निर्देश जारी होने के बाद जनपद में मिशन प्रेरणा टीम सक्रिय हो गई है और गांव-गांव में प्रेरणा साथी का चयन कर रही है।
बीएसए चंद्रकेश सिंह ने बताया कि सभी प्रधानाध्यापकों को स्कूल व्हाट्सएप ग्रुप बनाने और प्रेरणा साथी का चयन करने के लिए पंजीकरण शुरू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसको लेकर सभी रिसोर्स को भी निर्देश दिए गए हैं।
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