राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु कुशल संसाधन और प्रभावी गवर्नेन्स लिए विद्यालय संकुल व्यवस्था लागू करने के संबंध में
महोदय,
उपर्युक्त विषयक शिक्षा निदेशालय के पत्राक: माध्यमिक / 317 - 395 / 2021-22 दिनांक 27-7-2021 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके द्वारा मागी गयी सूचना अद्यतन अप्राप्त है। जिसके संबंध में पुनः आप से अपेक्षा है कि शिक्षा निदेशक (मा० उ०प्र०) लखनऊ के पत्रांक: डी0ई0 / 4805-4808 / 2020-21 दिनांक 17 मार्च 2021 द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु कुशल संसाधन और प्रभावी गवर्नेन्स के लिए विद्यालय संकुल व्यवस्था लागू करने हेतु विद्यालय कलस्टर के संबंध में वर्ष 2021-22 में कार्य योजना तैयार वर्ष 2022-23 से लागू किया जाना है।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 5-10 किमी० की परिधि में स्थित प्राईमरी / मिडिल स्कूलों तक सीमित रखकर छात्र विनियम कार्यक्रम और संसाधनों को साझा कर कियान्वयन किया जाना है तथा वर्ष 2023-24 से ग्रामीण क्षेत्र के वित्तपोषित माध्यमिक विद्यालयों को योजना में सम्मिलित किये जाने हेतु प्रदेश में विद्यालय में संकुल व्यवस्था लागू किये जाने हेतु संचालित / निर्माणाधीन माध्यमिक विद्यालयों की विस्तृत मैपिंग की कार्ययोजना समय सारणी तथा नियोजन की कार्ययोजना प्रारम्भ कराने के संबंध में कार्ययोजना के प्रगति से अवगत कराने के निर्देश प्रदान किये गये हैं।
उक्त के संबंध में मुझे आपसे कहने का निदेश हुआ है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कियान्वयन हेतु कुशल संसाधन और प्रभावी गवर्नेन्स के लिए विद्यालय संकुल व्यवस्था लागू किये जाने के परिप्रेक्ष्य में निम्नलिखित बिन्दुवार सूचना / आख्या (सलग्न प्रोफार्मा मे) 10 अगस्त 2021 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
1 वर्तमान में कितने राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय संचालित / निर्माणाधीन हैं, वह कहाँ अवस्थित हैं एवं उनकी परिधि में व दूरी पर कौन-कौन से प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाईस्कूल एवंअशासकीय सहायता प्राप्त वित्त विहीन इण्टरमीडिएट विद्यालय संचालित हैं, उनमें कितने छात्रों का नामांकन है तथा वहाँ क्या-क्या भौतिक व मानवीय संसाधन उपलब्ध है।
2- संचालित विद्यालयों की मैंपिग इस प्रकार की जाय कि विद्यालयों में उपलब्ध मानवीय, भौतिक व शैक्षिक संसाधनों का उपयोग अन्य विद्यालय भी कर सके तथा संकुल विद्यालय की स्थापना कर विद्यालयों का समेकित नियोजन कर शैक्षिक एवं भौतिक अवस्थापनाओं के अधिकतम उपयोग एवं संरचनात्मक ढांचे को सुदृढ़ किया जा सकें।
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