उत्तर प्रदेश में डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड या पूर्व में बीटीसी) 2019 बैच के 72 हजार प्रशिक्षुओं का भविष्य अंधकार में है।
28 जनवरी 2021 को घोषित द्वितीय सेमेस्टर के परिणाम में सफल लगभग 96 हजार अभ्यर्थियों को तो सरकार ने तृतीय सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया है।
लेकिन द्वितीय सेमेस्टर में फेल तकरीबन 72 हजार प्रशिक्षुओं को कोर्स पूरा करने में कम से कम छह महीने का समय और लगने का अनुमान है।
2019 बैच का सत्र 6 अगस्त-19 को शुरू हुआ था। कोरोना की पहली लहर में लिखित परीक्षा नहीं होने से प्रदेश सरकार ने इन प्रशिक्षुओं को दूसरे सेमेस्टर में प्रोन्नत करने का निर्णय लिया था।
दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं 30 अक्टूबर से 11 नवंबर 2020 तक कराई गई थी। जिसका परिणाम 28 जनवरी को घोषित हुआ। दूसरे सेमेस्टर में पंजीकृत 172738 प्रशिक्षुओं में से 169812 शामिल हुए।
इनमें से 95934 प्रशिक्षु पास थे और 71668 फेल हो गए। सफल अभ्यर्थियों को सरकार ने तृतीय सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया और अब वे सीधे चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देंगे जबकि फेल प्रशिक्षुओं को फिर से दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में सम्मिलित होना होगा।
नियामक प्राधिकारी कार्यालय सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में दूसरे और चौथे सेमेस्टर की परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है। परीक्षा के एक-दो महीने में बाद परिणाम घोषित होगा।
दूसरे सेमेस्टर में सफल प्रशिक्षुओं को वर्तमान नीति के अनुसार प्रमोट किया जाता है तो फिर चौथे सेमेस्टर में शामिल होने का मौका मिलेगा।
फिर परीक्षा व परिणाम में तीन महीने का और समय लगना तय है। ये स्थिति तब है जबकि उनकी दो साल की प्रशिक्षण अवधि 6 अगस्त को ही पूरी हो चुकी है।
फेल प्रशिक्षुओं ने प्रमोट करने को किया प्रदर्शन
दूसरे सेमेस्टर में फेल 2019 बैच के प्रशिक्षुओं ने प्रमोट करने की मांग को लेकर गुरुवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
सचिव संजय कुमार उपाध्याय की गाड़ी रोककर अपनी मांग पर अड़े रहे। नीरज सिंह ने बताया कि अगर मांग पूरी नहीं होती है तो जल्द एससीईआरटी लखनऊ का बड़े स्तर पर घेराव करेंगे। प्रशांत, अविनाश, सुधीर, नवनीत, रंजीत, प्रखर, निशा, मंजिली, वैशाली आदि रहीं।
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