कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं के
अभिभावकों को अभी तक डीबीटी का लाभ नहीं मिला है। अभी तक 49 हजार छात्राओं का डेटा ही अपलोड हो पाया है।
प्रदेश के 746 केजीबीवी में 10 हजार से ज्यादा छात्राएं पढ़ती हैं। वहीं दीवाली और छठ की छु़ट्टी के कारण अभी तक 50 से 60 फीसदी विद्यार्थियों के खाते में ही डीबीटी की धनराशि पहुंची है।
केजीबीवी में छात्राएं भले ही आवासीय सुविधा के साथ हों लेकिन उनके सामान के लिए धनराशि अभिभावकों के खाते में दी जा रही है। अभी तक छात्राओं का डाटा अपलोड ही नहीं हुआ है।
सत्यापन के बाद ही धनराशि खाते में डाली जाएगी। वहीं छठ की छुट्टी के बाद अब विभाग मिशन मोड में डीबीटी की धनराशि स्थानांतरित करने के लिए अभियान चलाएगा।
जिन अभिभावकों के खाते आधार से लिंक नहीं है या फिर निष्क्रिय हैं, उन्हें एक्टिव करने के लिए विभाग हर अभिभावक तक पम्फलेट पहुंचाएगा।
डीबीटी में 1100 रुपए दिए जा रहे हैं। इसमें 600 रुपए दो जोड़ा यूनिफार्म, 175 रुपए जूता-मोजा, 200 रुपए स्वेटर और 125 रुपए में स्कूल बैग के लिए दिए जाएंगे।
वहीं, ज्यादातर अभिभावक अब स्कूलों में पहुंच कर तहकीकात कर रहे हैं कि उनके खाते में पैसा क्यों नहीं आया?
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