यूपी की योगी सरकार निकायों में 2001 से पहले के
विनियमितकरण से छूटे संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने जा रही है।
इसलिए निदेशालय ने निकायों से प्रस्ताव मांगा है। निकायों को निर्देश दिया गया है पद सृजित करें। प्रस्ताव पास होने पर छूटे संविदा कर्मचारियों को स्थाई कर दिया जाए। बाकी बचे कर्मचारियों के समायोजन की भी व्यवस्था की जाए।
सूत्रों की मानें संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने की कार्रवाई यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कर ली जाएगी।
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने सरकारी विभागों में दैनिक वेतन भोगी, वर्कचार्ज और संविदा पर 31 दिसंबर 2001 तक काम करने वालों को विनियमित किया गया।
इसके बाद भी निकायों में कई कर्मचारी छूट गए। इसको लेकर विभिन्न न्यायालयों में मुकदमे चल रहे हैं।
स्थानीय निकाय निदेशालय चाहता है कि ऐसे कर्मियों को अधिसंख्य पद सृजित कर उन्हें स्थाई कर दिया जाए, जिससे न्यायालयों में चल रहे मामलों को समाप्त हो जाए।
इस संबंध में संयुक्त निदेशक स्थानीय निकाय गंगाराम गुप्ता ने निकायों को निर्देश दिया है। जिन पदों पर विनियमितीकरण किया जाना है उसका परीक्षण कार्मिक विभाग की नियमावली और वेतन आयोग के शासनादेश के आधार पर प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रस्ताव उपलब्ध कराने से पहले अधिसंख्य पद के सृजन का प्रस्ताव निकाय बोर्ड से पारित कराना जरूरी होगा। निकायों से कहा गया है कि इसके आधार पर प्रस्ताव उपलब्ध कराने के बाद पदों का सृजन होगा और बचे हुए ऐसे कर्मियों का समायोजन किया जाएगा।
स्थानीय निकाय निदेशालय चाहता है कि पात्रता की श्रेणी में आने वालों को अनिवार्य रूप से विनियमित कर दिया जाए।
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