यूपी में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती आसान नहीं दिख रही।
लगभग 55 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती मार्च में शुरू हुई थी लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण अब तक भर्ती की रफ्तार सुस्त है।
वहीं, आंगनबाड़ी संघ ने भर्ती के लिए कई जिलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। महिला कर्मचारी आंगनबाड़ी संघ ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।
आंगनबाड़ी संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश पाण्डेय का आरोप है कि कई जिला कार्यक्रम अधिकारियों ने जानबूझकर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की सेवा समाप्त कर दी है ताकि उन्हें दोबारा चयनित करने में मनमाने तरीके से कमाई की जा सके।
अधर में अनुदेशकों व चार हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 32022 अंशकालिक अनुदेशक और 4000 उर्दू सहायक अध्यापकों की भर्ती तकरीबन पांच साल से अधर में हैं।
इसी तरह कानपुर में एचबीटीयू में पहली बार 2017 में नियुक्तियों के लिए विज्ञापन हुआ, लेकिन 2021 में निरस्त कर दिया गया। इसमें 14 प्रोफेसर, 22 एसोसिएट प्रोफेसर और 22 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद हैं।
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