शिक्षण सत्र 2023-24 से 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए-बीएड, बीएससी-बीएड कोर्स में प्रवेश नहीं होगा। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने नई शिक्षा नीति के मुताबिक यह निर्णय लिया।
साथ ही बीए-बीएड, बीएससी-बीएड के नए कॉलेज को अनुमति देने पर भी रोक लगा दी गई है।
ऐसे पेडिंग आवेदनों का शुल्क लौटाया जाएगा। एनसीटीई के मुताबिक इस फैसले का असर अभी कोर्स कर रहे छात्रों पर नहीं होगा। वे डिग्री पूरी कर सकेंगे।
एनसीटीई से मान्यता प्राप्त कॉलेज की सम्बद्धता भी जारी रहेगी। एनसीटीई ने 12वीं पास छात्रों के लिए यह पाठ्यक्रम में 2019 में शुरू किया था।
हालांकि इस फैसले से इन कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों के सामने संकट खड़ा हो सकता है। चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में बीएससी या बीए के साथ बीएड होता था।
अब इसकी जगह चार साल का इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) होगा। यह 8 सेमेस्टर का होगा। अब तक प्री-प्राइमरी और प्राइमरी स्तर तक पढ़ाने के लिए डीएलएड जरूरी था, अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक पढ़ाने के लिए बीएड अनिवार्य था। अब चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम शुरू होगा।
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