उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा राजस्व लेखपाल भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों से पौने 3 करोड़ तो ले लिए गए हैं लेकिन उन अभ्यर्थियों को अवसर नहीं दिया गया अभ्यर्थी कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर चुके हैं तो चलो आखिर पूरी
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आयोग ने कमाए छात्रो से पौने 3 करोड़
उत्तर प्रदेश राजस्व लेखपाल भर्ती के लिए 13 लाख 90 हजार 305 कुल आवेदन हुए थे। इसमें से अभ्यर्थियों ने ₹25 आवेदन शुल्क भी दिया था। ऐसे में आयोग के पास पौने तीन करोड़ का राजस्व हो गया है। बता दें जिन अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया है उन अभ्यार्थियों के दिए गए फीस को अगर टोटल जोड़ा जाए तो आयोग के पास 28556950 कुल राजस्व प्राप्त हुआ है।
अभ्यर्थियों का क्या कहना है ?
छात्रों का कहना है आयोग ने 11 लाख छात्रों को तो बाहर कर दिया है लेकिन आयोग को इनकी फीस से जो राजस्व प्राप्त हुआ है उसके बारे में आयोग जानकारी नही दे रहा है।
छात्रों का यह भी कहना है कि जब बाहर ही करना था तो आयोग पहले ही हमको बता देता हम लास्ट स्टेज तक तैयारी करते गए लेकिन आयोग ने हमें अंतिम रूप से बाहर कर दिया। अब अभ्यर्थी कटऑफ कम करने को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं और अभ्यार्थी कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर चुके हैं। छात्रों का कहना है ।
हमसे जो फीस ली गई तो ठीक है लेकिन हमारे समय का बहुत ही नुकसान हुआ है आयोग अगर पहले ही क्लियर कर देता तो हम कोई दूसरा रास्ता देखते और उसकी तैयारी करते लेकिन अब इसकी तैयारी में लगे रहे और बाद में पता चला कि हमें बाहर कर दिया गया इसलिए छात्र कटऑफ कम करने को लेकर मांग कर रहे हैं।
UPSSSC पेट कटऑफ कम करने को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल ?
उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती में पेट कट ऑफ को कम करने के लिए अभ्यर्थियों की बातें नहीं सुनी गई तो अब अभ्यर्थी कोर्ट चले गए और कोर्ट में याचिका भी दाखिल हो चुकी है जिसकी सुनवाई बहुत जल्द हो सकती है। और छात्रों का कहना है कि सबसे पहले हम इस भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लेंगे अगर स्टे मिलता है तो इसके आगे हम काफी तेजी से लड़ाई लड़ेंगे और मजबूती से लड़ाई रहेंगे ताकि हम जीत सके और हमें इस एग्जाम में बैठने का मौका मिल सके।
पेट कटऑफ UPTET CTET की तर्ज पर हो!
छात्रों कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आगामी जितने भी भर्तियां हैं उसमें हाई ऐसे ही कट आफ जाएगा तो फिर कैसे काम चलेगा आयोग को इस पर जरूर विचार करना चाहिए और जैसे कि यूपी टेट और सीटेट में आरक्षित वर्ग को 55% लाने होते हैं और आरक्षित वर्ग को 60% लाने होते हैं तो ऐसा ही क्राइटेरिया पेट परीक्षा में भी लागू होता कि एक ऐसा कटऑफ इसमें फिक्स हो जो अभ्यर्थी उस कटऑफ को क्रॉस करें वह अभ्यर्थी मैंस एग्जाम में बैठ सके।
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