केंद्रीय कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए अगस्त में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
सहमति हुई तो इसे 1 सितंबर 2022 से लागू किया जा सकता है और 52 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लंबे समय से उठ रही केंद्रीय कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए अगस्त में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
सहमति हुई तो इसे 1 सितंबर 2022 से लागू किया जा सकता है और 52 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
दरअसल, केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में फिटमेंट फैक्टर की अहम भूमिका मानी जाती है। इस वजह से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हो जाती है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर संशोधित मूल वेतन की गणना पुराने मूल वेतन से की जाती है।
पिछले वेतन आयोग की रिपोर्ट में फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण सिफारिश है, इसी के आधार पर वेतन वृद्धि तय की जाएगी। मांग 2.57 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.68 प्रतिशत की जा रही है ताकि मूल वेतन बढ़ाया जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होनी है, जिसमें फिटमेंट फैक्टर के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।
इसे बढ़ाकर 3.68 प्रतिशत किया जा सकता है और इसे सितंबर 2022 से लागू किया जा सकता है। पिछली बार 2017 में प्रवेश स्तर के मूल वेतन को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह किया गया था और अब इसे मंजूरी मिली तो न्यूनतम मूल वेतन में वृद्धि की जाएगी।
8000 तक यानी पे-लेवल -1 पर मूल वेतन 18000 रुपये प्रति माह है, अगर फिटमेंट कारक बढ़ता है तो यह 26000 रुपये हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग के तहत 8वें वेतन आयोग (8वें वेतन आयोग) की चर्चा उन अटकलों के बीच तेज हो गई है कि अगस्त में डीए 4 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी हो जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग के बाद अब 8वां वेतन आयोग लाया जा सकता है और इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है। इससे मूल वेतन में वृद्धि होगी, जो कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित होगी।
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