कोरोना संकट के बीच छात्रों को राहत देते हुए यूपी बोर्ड ने दसवीं
और बारहवीं के पाठ्यक्रम के सभी विषयों में 30 फीसदी की कटौती की है।
बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से सोमवार देर रात वेबसाइट पर जारी किए गए संशोधित 131 पृष्ठ के पाठ्यक्रम में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं।
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फिलहाल, कक्षा नौ से बारह तक के कोर्स में 30 प्रतिशत की कटौती की गई है।
यह व्यवस्था 2020-21 शैक्षिक सत्र के लिए है।
बोर्ड की ओर से 12वीं में हिंदी विषय से इस वर्ष व्यंगकार हरिशंकर परसाई के निंदा रस को बाहर कर दिया गया है।
वहीं अंग्रेजी के छात्र अब मर्चेंट ऑफ वेनिस के साइलॉक की चालबाजी नहीं पढ़ सकेंगे।
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नागरिक शास्त्र से स्वतंत्र भारत की राजनीति में एक दल के प्रभुत्व का दौर एवं कांग्रेस कार्य प्रणाली की चुनौतियां को हटा दिया गया है। समाजशास्त्र में भूमंडलीकरण के आयाम से जनसंपर्क माध्यम एवं संचार विषय को भी हटाया गया है।
इतिहास के कोर्स से भौतिक स्रोतों के आधार पर विभाजन में 1040 का इतिहास एवं राष्ट्रीयता, संप्रदायवाद एवं विभाजन को हटाया गया है।
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इसी प्रकार से दसवीं में गणित के कोर्स से बच्चों के बीच लोकप्रिय बहुपद (पॉलीनामियल), वृत्त, प्रायिकता एवं त्रिकोणमिति से सर्वसमिका के महत्वपूर्ण अंश को हटा दिया गया है।
सामाजिक विज्ञान से भारत के प्रमुख राष्ट्रीय दल एवं क्षेत्रीय दलों के बारे जानकारी को कोर्स से बाहर किया गया है।
विज्ञान में धातु, अधातु के गुणधर्म, आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण के आरंभिक प्रयास, प्राकृतिक संसाधन, हमारा पर्यावरण, विद्युत प्रभाव, विद्युत चुंबकीय प्रभाव को भी हटाया गया है।
10वीं से हिंदी में सुमित्रानंदन पंत के चंद्रलोक में प्रथमवार, महादेवी वर्मा के वर्षा सुंदरी के प्रति, माखनलाल चतुर्वेदी के जवानी सहित समास में कर्मधारय, बहुब्रीहि को हटा दिया गया है।
अब बच्चे 70 फीसदी कोर्स की ही पढ़ाई करेंगे और इसी से सवाल पूछे जाएंगे।
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यूपी बोर्ड पाठ्यक्रम को संक्षिप्त कर तीन भागों में होगी पढ़ाई
यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि जरूरत के अनुसार कोर्स कम करके पढ़ाई होगी।
पाठ्यक्रम के पहले भाग में वह हिस्सा होगा, जो ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा। इसे क्लासवार, विषयवार और अध्यायवार वीडियो बनाकर ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा और स्वयंप्रभा चैनल व यूपी दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाएगा।
बताया कि कोर्स के दूूसरे हिस्से को छात्र स्वयं पढ़ सकेंगे, जबकि तीसरे भाग को प्रोजेक्ट के माध्यम से पढ़ा जा सकेगा।
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सचिव ने बताया कि इस वर्ष कोविड-19 के कारण शासन के निर्देश पर शैक्षिक पंचांग जारी करने में देरी हुई।
बताया कि विषय विशेषज्ञों की ओर से कक्षावार, विषयवार, अध्यायवार बनाए गए शैक्षिक पंचांग के अनुसार शैक्षिक और अन्य गतिविधियों के लिए हर महीने के हिसाब से वार्षिक शैक्षिक पंचांग तैयार किया गया है।
बताया कि विशेषज्ञों की ओर से प्रश्नबैंक तैयार करके यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कराया जाएगा।
इसका मूल्यांकन मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा के आधार पर किया जाएगा।
और बारहवीं के पाठ्यक्रम के सभी विषयों में 30 फीसदी की कटौती की है।
बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से सोमवार देर रात वेबसाइट पर जारी किए गए संशोधित 131 पृष्ठ के पाठ्यक्रम में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं।
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फिलहाल, कक्षा नौ से बारह तक के कोर्स में 30 प्रतिशत की कटौती की गई है।
यह व्यवस्था 2020-21 शैक्षिक सत्र के लिए है।
बोर्ड की ओर से 12वीं में हिंदी विषय से इस वर्ष व्यंगकार हरिशंकर परसाई के निंदा रस को बाहर कर दिया गया है।
वहीं अंग्रेजी के छात्र अब मर्चेंट ऑफ वेनिस के साइलॉक की चालबाजी नहीं पढ़ सकेंगे।
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इतिहास के कोर्स से भौतिक स्रोतों के आधार पर विभाजन में 1040 का इतिहास एवं राष्ट्रीयता, संप्रदायवाद एवं विभाजन को हटाया गया है।
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इसी प्रकार से दसवीं में गणित के कोर्स से बच्चों के बीच लोकप्रिय बहुपद (पॉलीनामियल), वृत्त, प्रायिकता एवं त्रिकोणमिति से सर्वसमिका के महत्वपूर्ण अंश को हटा दिया गया है।
सामाजिक विज्ञान से भारत के प्रमुख राष्ट्रीय दल एवं क्षेत्रीय दलों के बारे जानकारी को कोर्स से बाहर किया गया है।
विज्ञान में धातु, अधातु के गुणधर्म, आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण के आरंभिक प्रयास, प्राकृतिक संसाधन, हमारा पर्यावरण, विद्युत प्रभाव, विद्युत चुंबकीय प्रभाव को भी हटाया गया है।
10वीं से हिंदी में सुमित्रानंदन पंत के चंद्रलोक में प्रथमवार, महादेवी वर्मा के वर्षा सुंदरी के प्रति, माखनलाल चतुर्वेदी के जवानी सहित समास में कर्मधारय, बहुब्रीहि को हटा दिया गया है।
अब बच्चे 70 फीसदी कोर्स की ही पढ़ाई करेंगे और इसी से सवाल पूछे जाएंगे।
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यूपी बोर्ड पाठ्यक्रम को संक्षिप्त कर तीन भागों में होगी पढ़ाई
यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि जरूरत के अनुसार कोर्स कम करके पढ़ाई होगी।
पाठ्यक्रम के पहले भाग में वह हिस्सा होगा, जो ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा। इसे क्लासवार, विषयवार और अध्यायवार वीडियो बनाकर ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा और स्वयंप्रभा चैनल व यूपी दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाएगा।
बताया कि कोर्स के दूूसरे हिस्से को छात्र स्वयं पढ़ सकेंगे, जबकि तीसरे भाग को प्रोजेक्ट के माध्यम से पढ़ा जा सकेगा।
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सचिव ने बताया कि इस वर्ष कोविड-19 के कारण शासन के निर्देश पर शैक्षिक पंचांग जारी करने में देरी हुई।
बताया कि विषय विशेषज्ञों की ओर से कक्षावार, विषयवार, अध्यायवार बनाए गए शैक्षिक पंचांग के अनुसार शैक्षिक और अन्य गतिविधियों के लिए हर महीने के हिसाब से वार्षिक शैक्षिक पंचांग तैयार किया गया है।
बताया कि विशेषज्ञों की ओर से प्रश्नबैंक तैयार करके यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कराया जाएगा।
इसका मूल्यांकन मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा के आधार पर किया जाएगा।
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