नौकरी में पहले पांच साल संविदा और 50 साल की उम्र में रिटायरमेंट की बात से कर्मचारियों में नाराजगी है।
कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर आरोप लगाया कि सरकार निजीकरण को बढ़ावा देना चाह रही है।
कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर आरोप लगाया कि सरकार निजीकरण को बढ़ावा देना चाह रही है।
विकास भवन में आक्रोशित कर्मचारियों ने इस प्रस्ताव के पास होने पर आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया।
कर्मचारियों ने कहा कि सरकार नौकरी के पहले पांच साल संविदा का नियम लाना चाह रही है।
स्पष्ट है कि कर्मचारियों को सरकार बंधुआ मजदूर बनाने पर तुली हुई है। इस नियम का विरोध किया जाएगा।
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कर्मचारियों ने हर सेक्शन में जाकर बातचीत की। सभी को एक मंच पर आने के लिए कहा। साथ ही जिले के सभी दफ्तरों में इस नियम के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इसके बाद अगर सरकार न मानी तो प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। कर्मचारियों ने विकास भवन में जन जागरण समिति का गठन कर लिया है।
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इसके तहत बाल विकास एवं पुष्टाचार विभाग, समाज कल्याण विभाग, लघु सिंचाई, पीआरडी, ग्रामीण अभियंत्रण सहकारिता, अल्पसंख्यक, कृषि आदि विभाग के कर्मचारी एक मंच पर आए।
कर्मचारियों ने जबरन रिटायरमेंट की नीति का भी विरोध किया।
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