प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्र जल्द ही नर्सरी स्कूल में तब्दील होंगे।
इसके लिए प्रथम चरण में कुल 1.87 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
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फिलहाल तीन मंडलों में प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होते ही इसी सत्र से आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी स्कूलों में तब्दील कर दिया जाएगा।
सरकार की योजना के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों को प्लेग्रुप स्कूलों के तौर पर विकसित किया जाना है।
इसकी अनुशंसा नई शिक्षा नीति में भी की गई है। इसी कड़ी में अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इसके बाद टेस्ट लेकर यह भी जाना जाएगा कि प्रशिक्षण सही रहा है या नहीं।
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टेस्ट में पास हुईं कार्यकर्ताओं को उनके केंद्रों पर प्ले ग्रुप स्कूल चलाने की अनुमति दी जाएगी।
तीन मंडलों में प्रशिक्षण सत्र पूरा होने के बाद बाकी मंडलों को भी शामिल किया जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि प्रत्येक प्रशिक्षण सत्र में तीन-तीन मंडलों को शामिल किया जाएगा।
अक्तूबर के अंतिम सप्ताह तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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छह दिन का ऑनलाइन प्रशिक्षण
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को छह दिन तक दो घंटे रोज ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसकी शुरुआत 9 सितंबर से की जा चुकी है।
इसमें उन्हें बताया जा रहा है कि बच्चों को सिखाने का आसान तरीका क्या है।
कैसे खेल-खेल में जानकारियां दी जा सकती हैं। जिस तरह वह पढ़ाई कराएंगी, उसका मूल्यांकन कैसे किया जाएगा ताकि वे ये सुनिश्चित कर सकें कि उनका पढ़ाया हुआ बच्चों की समझ में आया है या नहीं।
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प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की बढ़ेगी गुणवत्ता
विभागीय जानकारों का मानना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के प्ले ग्रुप में तब्दील होने के बाद प्राथमिक विद्यालयों में भी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
अब तक विद्यार्थी सीधे प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक में दाखिला लेते थे। इसके पहले वे पढ़ने के तौर तरीकों से पूरी तरह नावाकिफ होते थे।
ऐसे में शिक्षकों की ज्यादातर मेहनत उन्हें पढ़ाई के लिए तैयार करने में ही लगानी होती थी।
प्ले ग्रुप में बच्चों को पठन-पाठन की जानकारी दी जाएगी तो यह उनके लिए कक्षा एक में दाखिले के पहले फाउंडेशन कोर्स सरीखा होगा।
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फिलहाल तीन मंडलों में प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होते ही इसी सत्र से आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी स्कूलों में तब्दील कर दिया जाएगा।
सरकार की योजना के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों को प्लेग्रुप स्कूलों के तौर पर विकसित किया जाना है।
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को छह दिन तक दो घंटे रोज ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसकी शुरुआत 9 सितंबर से की जा चुकी है।
इसमें उन्हें बताया जा रहा है कि बच्चों को सिखाने का आसान तरीका क्या है।
कैसे खेल-खेल में जानकारियां दी जा सकती हैं। जिस तरह वह पढ़ाई कराएंगी, उसका मूल्यांकन कैसे किया जाएगा ताकि वे ये सुनिश्चित कर सकें कि उनका पढ़ाया हुआ बच्चों की समझ में आया है या नहीं।
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प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की बढ़ेगी गुणवत्ता
विभागीय जानकारों का मानना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के प्ले ग्रुप में तब्दील होने के बाद प्राथमिक विद्यालयों में भी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
अब तक विद्यार्थी सीधे प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक में दाखिला लेते थे। इसके पहले वे पढ़ने के तौर तरीकों से पूरी तरह नावाकिफ होते थे।
ऐसे में शिक्षकों की ज्यादातर मेहनत उन्हें पढ़ाई के लिए तैयार करने में ही लगानी होती थी।
प्ले ग्रुप में बच्चों को पठन-पाठन की जानकारी दी जाएगी तो यह उनके लिए कक्षा एक में दाखिले के पहले फाउंडेशन कोर्स सरीखा होगा।
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