प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय
से सत्र 2004-05 की मार्कशीट के आधार पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षक बने अपीलार्थियो की अपीलों पर कई दिन की बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है।
इन शिक्षकों को फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी प्राप्त करने की एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इन शिक्षकों ने बर्खास्तगी को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
एकल पीठ ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इन शिक्षकों की बीएसए द्वारा की गई बर्खास्तगी को सही ठहराया था। बाद में इन शिक्षकों ने एकल पीठ के आदेश को दो जजों की खंडपीठ में चुनौती दी।
कहा गया कि बीएसए का बर्खास्तगी आदेश एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है, जो गलत है। पुलिस रिपोर्ट को शिक्षकों की बर्खास्तगी का आधार नहीं बनाया जा सकता।
बीएसए ने बर्खास्तगी से पूर्व सेवा नियमावली के कानून का पालन नहीं किया। जबकि सरकार की तरफ से बहस की गई कि इन शिक्षकों की बर्खास्तगी एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है और एसआईटी की रिपोर्ट हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में आई है।
हाईकोर्ट ने एसआईटी को इस मामले में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। यह भी बहस की गई कि फर्जी डिग्री या मार्कशीट के आधार पर सेवा में आने वालों की बर्खास्तगी के लिए सेवा नियमों का पालन करना जरूरी नहीं है।
कोर्ट ने इस मामले में निर्णय सुरक्षित कर लिया और सभी पक्षों के वकीलों को एक सप्ताह में लिखित बहस देने की छूट दी है।
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