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UP के महाविद्यालयों में प्राचार्य भर्ती का साक्षात्कार 20 मार्च से होगाशुरू, 31 मार्च व एक अप्रैल को सत्यापन के लिए बुलाए गए अभ्यर्थियों का सत्यापन टाला गया

अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्राचार्य के 290 पदों पर


भर्ती के लिए साक्षात्कार शनिवार से शुरू होगा। 

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने 24 फरवरी को साक्षात्कार कराने का निर्णय लिया था। लिखित परीक्षा का परिणाम 15 फरवरी को घोषित हुआ था जिसमें 610 अभ्यर्थी सफल थे। 

29 अक्तूबर 2020 को आयोजित लिखित परीक्षा के लिए पंजीकृत 917 अभ्यर्थियों में से 743 सम्मिलित हुए थे।

इस बीच आयोग ने 31 मार्च व एक अप्रैल को सत्यापन के लिए बुलाए गए अभ्यर्थियों का सत्यापन टाल दिया है। 

पूर्व में 31 मार्च को बुलाए गए अभ्यर्थियों का सत्यापन अब 5, 6 व 7 अप्रैल और एक अप्रैल को बुलाए गए अभ्यर्थियों का सत्यापन 8, 9 व 12 अप्रैल को होगा।

एमएलसी ने प्राचार्य भर्ती में लगाए अनियमितता के आरोप

आगरा खंड शिक्षक क्षेत्र से एमएलसी आकाश अग्रवाल ने प्राचार्य भर्ती में अनियमितता के आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र लिखा है। 

उनका दावा है कि आयोग ने मनमाने तरीके से अभ्यर्थियों को अनर्ह घोषित कर दिया है। लिखित परीक्षा की कटऑफ निर्धारित किए बगैर अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों के सत्यापन एवं साक्षात्कार के लिए विधि विरुद्ध तरीके से बुलाया गया है। 

एक सदस्य की पत्नी के प्राचार्य भर्ती में आवेदक होने के कारण उन्हें प्रक्रिया से अलग रखे जाने की भी बात कही है। 

प्राचार्य पद के लिए अभ्यर्थी का शोध निर्देशक होना आवश्यक माना गया है लेकिन आयोग ने शोध पत्र लेखकों को भी शोध निर्देशक के रूप में मान्य किया है जो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानकों के विपरीत है। 


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