कोरोना का टीका अवश्य लगवाएं, क्योंकि टीका लगवाने के बाद
आप काफी हद तक संक्रमण के दुष्प्रभाव से बचे रहेंगे।
यह कहना है उन चिकित्सकों का, जोकि संक्रमित हो गए हैं। चिकित्सकों के मुताबिक टीका लगवाने के बाद संक्रमण के अलावा उन्हें कोई और बीमारी नहीं है तो कोरोना का असर कम है। उनमें सामान्य लक्षण भी नहीं दिखाई दे रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने से पहले जिले में भी टीकाकरण अभियान चल चुका था और डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ सहित फ्रंटलाइन वर्कर को कोरोना की दो-दो डोज दी जा चुकी हैं।
ऐसे में मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला प्रशासन के बहुत से लोग हैं. जो कोरोना वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद भी संक्रमित हो गए हैं।
उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह, मेडिसिन विभाग के डॉ. स्मृति, डॉ. पूनम गुप्ता, आर्थों विभाग के डॉ. सचिन यादव, डॉ. मनीष शुक्ला, ईएनटी के एचओडी डॉ. सचिन जैन सहित गॉयनी विभाग के कई चिकित्सक संक्रमित हैं और ये सब होम आइसोलेशन में हैं।
संक्रमण नहीं होता गंभीर, रिकवरी भी होती तेज
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि वैक्सीन का असर बहुत ही प्रभावशाली है। इससे संक्रमण बहुत गंभीर स्थिति तक नहीं पहुंच रहा है।
कोरोना के हल्के लक्षण जैसे - बुखार, हल्की सर्दी और गले में हल्की खराश है। एसआरएन में कोरोना के वार्ड अधीक्षक डॉ. मोहित जैन कहते हैं कि जिनको भी वैक्सीन की दूसरी डोज लगी है और एक माह हो गया है, उनपर बीमारी का असर कम है और रिकवरी भी जल्दी हो रही है।
कुछ इसी तरह की बात गॉयनी विभाग की एचओडी डॉ. अमृता चौरसिया, ईएनटी के एचओडी डॉ. सचिन जैन, आर्थो के सचिन यादव सहित कई चिकित्सकों ने भी कही।
दोबारा संक्रमित लेकिन ज्यादा परेशानी नहीं
उधर, एसीएमओ डॉ. वीके मिश्रा ने बताया कि वह पिछले साल भी कोरोना से संक्रमित हो चुके थे और अभी हाल ही में फिर संक्रमित हो गए हैं।
पहली बार के मुकाबले दूसरी बार कोरोना का असर बहुत ही माइल्ड यानी हल्का है। वह वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं। इस बार उन्हें पहली बार के मुकाबले न तो कमजोरी लग रही है और न ही बीमारी का संक्रमण उतना अधिक महसूस हो रहा है।
हल्का बुखार और गले में भी हल्का संक्रमण है। उन्हें संक्रमित हुए पांच दिन हो गए हैं। उन्हें पिछले साल के मुकाबले कोई खास परेशानी नहीं लग रही है।
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