कोराना आपदा के बीच देश भर में स्कूल बंद हैं। लेकिन, बच्चों की
पढ़ाई और पोषण पर कोई असर न पड़े, इसे लेकर सरकार की ओर से तैयारी कर ली गई है।
मिड डे मील प्राधिकरण की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि बंद स्कूलों में भी बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाए।
सरकार की ओर से बच्चों के लिए पौष्टिक खाने की व्यवस्था की गई है।
जिला स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि स्कूल बंद हैं तो भी बच्चों को सूखा राशन और खाना पकाने की कुकिंग कॉस्ट उपलब्ध कराई जाए।
इससे पूर्व भी 2020-21 शैक्षिक सत्र में भी बच्चों को सूखा राशन एवं कुकिंग कॉस्ट उपलब्ध कराई गई थी।
प्रदेश सरकार की ओर से परिषदीय विद्यालयों के साथ ही माध्यमिक विद्यालयों में भी आठवीं तक के बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध कराया जाता है।
केंद्र सरकार की मिड -डे मील योजना का लाभ देश भर के लगभग 12 करोड़ बच्चों को मिलेगा। इस बीच कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण नए शैक्षिक सत्र में प्रदेश सरकार ने 15 मई तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।
ऐसे में बच्चों को घर बैठे पढ़ाने की योजना पर काम शुरू है। इस बार भी बच्चों को ऑनलाइन, टेलीविजन, रेडियो जैसे माध्यमों के जरिए पढ़ाने की तैयारी है ताकि बच्चों का वर्ष न खराब होने पाए।
मिड-डे मील कोआर्डिनेटर राजीव त्रिपाठी कहते हैं, बीते वर्ष भी सरकार की योजना के अनुरूप बच्चों को मिड-डे मील योजना का लाभ पहुंचाया गया था।
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