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UP में सरकारी नौकरी पाने वालों का चरित्र सत्यापन के नाम पर नियुक्ति पत्र नहीं रोका जाएगा

सरकारी नौकरी पाने वालों का चरित्र सत्यापन के नाम पर


नियुक्ति पत्र नहीं रोका जाएगा। अभ्यर्थियों द्वारा स्व: घोषणा पत्र लेकर नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाएगा। 

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कार्मिक विभाग का यह शासनादेश गुरुवार को जारी कर दिया।

उत्तर प्रदेश सरकार की किसी भी सेवा के लिए चयनित अभ्यर्थियों के चरित्र एवं पूर्ववृत्त का सत्यापन पहले की तरह किया जाएगा, लेकिन सत्यापन के लिए नियुक्त पत्र नहीं रोका जाएगा।

 नियुक्ति प्राधिकारी अभ्यर्थी से निर्धारित प्रपत्रों में सत्यापन पत्र पर स्व: घोषणा पत्र लेकर पबंधिक नियुक्ति पत्र जारी करेंगे। गलत सूचना दिए जाने पर उसकी नियुक्ति निरस्त कर दी जाएगी। सत्यापन की कार्यवाही छह माह में की जानी चाहिए। 

एक बार सत्यापन की सूचना प्राप्त होने और अभ्यर्थी द्वारा दिए गए तथ्यों पर कोई आपत्ति नहीं होने पर औपबंधित नियुक्ति पत्र की पुष्टि कर दी जाएगी।

छह माह में के भीतर सत्यापन की सूचना प्राप्त न होने पर नियुक्ति प्राधिकारी पुलिस महानिदेशक को प्रकरण भेजते हुए तीन माह में सत्यापन रिपोर्ट देने का अनुरोध करेगा। 

इसके बाद भी रिपोर्ट प्राप्त न होने पर गृह विभाग शासन को पुष्टि के लिए भेजा जाएगा।

 नियुक्ति प्राधिकारी अभ्यर्थी को सुनवाई का पूरा मौका देगा। सुनवाई में सही न पाए जाने पर नियुक्ति निरस्त करते हुए उसे राजकीय सेवा के लिए अयोग्य घोषत करते हुए विधिक कार्रवाई की जाएगी।

 किसी प्रकरण में जहां नियुक्ति प्राधिकारी का विचार हो कि अभ्यर्थी की नियुक्ति संवेदनशील पद पर होगी या सुरक्षा की दृष्टि से पूर्व सत्यापन विशेष रूप से जरूरी है तो वो नियुक्ति सत्यापन के बाद ही दी जाएगी।

 प्रशासकीय विभाग पूर्व औचित्य प्रस्तुत करते हुए कार्मिक विभाग से छूट के अनुरोध कर सकता है। कार्मिक विभाग सभी कारणों को परीक्षण कर मुख्यमंत्री से छूट देने की अनुमति लेगा।

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