7th Pay commission: जुलाई 2021 से केंद्रीय कर्मचारियों
और पेंशनधारकों (Pensioners) को मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA) में इजाफा हो जाएगा।
इन कर्मचारियों को पिछले डेढ़ साल से इसका इंतजार है।
बीते डेढ़ साल से सैलरी बढ़ने का इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारियों (Central Employees) के लिए एक अच्छी खबर है। आगामी एक जुलाई से उनकी सैलरी बढ़ने वाली है।
सरकार ने कहा है कि 1 जुलाई से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलने वाला महंगाई भत्ता (Dearness Allowances) व राहत बढ़ जाएगा।
वर्तमान में यह 17 फीसदी है, जोकि अब बढ़कर 28 फीसदी तक पहुंच जाएगा।
कोरोना वायरस महामारी की वजह से ही इन कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और राहत (DR) के इंस्टॉलमेंट्स को तीन बार रोका जा चुका है।
इन कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जुलाई 2021 को मिलने वाले महंगाई भत्ता नहीं मिला है। वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने कहा है कि इन कर्मचारियों के लिए बकाया किस्तों को 01 जुलाई 2021 से नई दरों के साथ शामिल करते हुए भुगतान कर दिया जाएगा।
कहा जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में इस 11 फीसदी के इजाफे के बाद उनकी मासिक सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी होगी।
इस प्रकार जुलाई 2021 से इन कर्मचारियों के खाते में पहले से ज्यादा सैलरी क्रेडिट होगी। लेकिन, आखिर यह रकम कितनी होगी? अगर आप भी केंद्रीय कर्मचारी हैं और यह जानना चाहते हैं कि आपकी सैलरी कितनी बढ़ने वाली है तो चिंता मत कीजिए. हम आपको इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।
फिटमेंट फैक्टर के बारे में जानिए
सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होती है।
फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी के बाद से न्यूनतम सैलरी भी बढ़ चुकी है।
वर्तमान में केद्रीय कर्मचारियों की फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। किसी भी कर्मचारी की सैलरी कैलकुलेट करने के लिए महंगाई भत्ता, ट्रैवल भत्ता (TA) और घर किराया (HRA) को छोड़कर उनकी बेसिक सैलरी को 2.57 से गुणा किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है तो भत्ते को छोड़कर उनकी सैलरी 18,000 X 2.57 = 46,260 रुपये होगी।
क्यों मिलता है महंगाई भत्ता और कैसे तय होता है?
बढ़ती महंगाई (Inflation) से निपटने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों (Pensioners) को महंगाई भत्ता दिया जाता है।
एक साल में यह दो बार यानी जनवरी से जून तक और फिर जुलाई से दिसंबर तक के लिए होता है। महंगाई भत्ता तय करने के लिए केंद्र सरकार 6 महीने की महंगाई का औसत अनुमान लगाती है।
AICPI के मुताबिक, जुलाई-दिसंबर 2020 के बीच औसत महंगाई दर 3.5 फीसदी रही है। जनवरी-जून 2021 के बीच के लिए महंगाई भत्ता कम से कम 4 फीसदी ही होगा।
जब किसी कर्मचारी का महंगाई भत्ता बढ़ता है तो इसी हिसाब से उनका ट्रैवल अलाउंस में भी इजाफा होता है। इसी के आधार पर घर किराया और मेडिकल खर्च भी तय होता है।
कैसे फिक्स होती है मासिक सैलरी?
बेसिक सैलरी तय होने के बाद DA, TA, HRA और मेडिकल खर्च आदि तय किया जाता है।
जब एक बार DA का ऐलान कर दिया जाता है, फिर उसी आधार पर TA भी तय होता है। इसी प्रकार HRA और मेडिकल खर्च भी तय की जाती है।
जब इन सभी भत्तों को कैलकुलेट कर लिया जाता है, तब जाकर किसी केंद्रीय कर्मचारी पूरी सैलरी फिक्स होती है।
ईपीएफ और ग्रैच्युटी में भी बढ़ोतरी का फायदा
केंद्र सरकार के इस फैसले से करीब 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनधारकों को सीधे लाभ मिलने वाला है।
खास बात है कि इन कर्मचारियों की हर महीने की सैलरी बढ़ने के अलावा भी कई फायदे होंगे। कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान और ग्रैच्युटी भी बढ़ जाएगी।
कर्मचारी के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी रकम उनके ईपीएफ में जाता है।
No comments:
Post a Comment