कोरोना से ऊबर रहे लोग तेजी से ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं।
अभी तक चेहरे, नाक, त्वचा और सिर में फंगस का प्रकोप देखने को मिल रहा था। पेट में भी ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है।
डॉक्टरों का कहना है कि यह काफी दुलर्भ है। इसकी पहचान व
इलाज काफी कठिन है।
बाराबंकी के फतेहपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम भगौली निवासी रिटायर प्रिंसिपल सुरेंद्र सिंह कोविड पॉजिटिव हुए। कोरोना के सामान्य लक्षण होने के कारण उन्होंने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना।
पांच दिन पूर्व अचानक उन्हें खून की उल्टी शुरू हुई। परिवारीजन उन्हें लेकर गोमतीनगर स्थित निजी अस्पताल पहुंचे।
यहां पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय चौधरी के निर्देशन में इलाज शुरू हुआ। एंडोस्कोप से जांच की। मांस का टुकड़ा लेकर बायोप्सी जांच कराई। जिसमें ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई।
लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक व मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह के मुताबिक शरीर के चार अंगों में ब्लैक फंगस अधिक पाया जाता है।
इसमें चेहरा जिसमें नाक, मुंह, सिर व आंख में ब्लैक फंगस का प्रकोप अधिक होता है। इसके बाद त्वचा में भी फंगस आसानी से पनपता है। तीसरा अंग फेफड़े हैं। पेट में भी ब्लैक फंगस हो सकता है। पर, यह काफी दुलर्भ है।
पेट में फंगस का पता लगाना भी कठिन है। सिप्स हॉस्पिटल के डॉ. आरके मिश्र बताते हैं कि कोरोना काल में पेट में ब्लैक फंगस का मामला देखने में नहीं आया है। यह काफी दुलर्भ होता है। इसकी पहचान व इलाज कठिन होता है।
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