कोरोना संक्रमण ने केवल जनजीवन पर ही असर नहीं डाला है,
बल्कि युवाओं को रोजगार मिलने की राह को भी प्रभावित किया है।
प्रदेश में समूह 'ग' के 50 हजार से अधिक पदों पर भर्ती होनी है, लेकिन इस पर कोरोना का ग्रहण लग गया है। इसके चलते भर्तियां शुरू नहीं हो पा रही हैं।
उत्तर प्रधेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) तमाम कोशिशों के बावजूद भी इन भर्तियों को शुरू नहीं कर पा रहा है।
कोरोना ने रोकी भर्तियों की रफ्तार-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी विभागों ने समूह ग के रिक्त पदों का ब्यौरा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेज रखा है।
सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को इन भर्तियों के लिए विज्ञापन निकलने का इंतजार है। आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू भी कर दी थीं।
भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से करने के लिए पहली बार प्रारंभिक अर्हता परीक्षा का पाठ्यक्रम भी जारी कर दिया गया था, लेकिन अप्रैल में कोरोना संक्रमण के पीक पर पहुंच जाने की वजह से भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है।
आयोग में ही तमाम कर्मचारियों के संक्रमित होने के कारण भी काम प्रभावित हुआ है।
भर्ती के लिए चाहिए छह से आठ माह-
कोरोना संक्रमण थमने के बाद अगर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई तो कम से कम छह से आठ माह लग जाएंगे। आयोग ने भर्ती से पहले वन टाइम रजिस्ट्रेशन यानी एकबारगी पंजीकरण की व्यवस्था लागू की है।
पंजीकरण करा लेने के बाद अभ्यर्थियों को बार-बार अपने प्रमाण पत्र आवेदन के साथ जमा नहीं करने होंगे। एकबारगी पंजीकरण में अब 540454 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है। इसमें से 106323 का सत्यापन हो चुका है।
यूपीएसएसएससी अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने कहा कि कोरोना के चलते काम प्रभावित हुआ है। इसके बाद भी आयोग अपना काम कर रहा है। प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के बाद नई भर्तियों का काम शुरू होगा।
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