ठगी की घटनाएं सामने आने के बाद कहीं न कहीं पुलिस की
भूमिका पर भी प्रश्न उठते हैं।
ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है कि पुलिस की सतर्कता और सख्ती के बीच बेखौफ अपराधी लोगों को आसानी से शिकार बना लेते हैं।
अभी कुछ दिन पहले ही कानपुर में बेराेजगार युवकों को शिकार बनाकर उनसे लाखों की ठगी करने का मामला सामने आया था। उसकी आग बुझी भी नहीं थी कि कानपुर में देहात में एक और ठगी का मामला सामने आ गया।
जिसमें युवक से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में पास कराने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये की ठगी कर ली गई।
पीड़ित ने एक युवती समेत तीन लोगों पर घटना के बाद मुकदमा दर्ज कराया है। बकौल, पुलिस इस मामले की जांच की जा रही है।
ठगी के मामलों के बाद प्रशासन पर उठते सवाल: ठगी की घटनाएं सामने आने के बाद कहीं न कहीं पुलिस की भूमिका पर भी प्रश्न उठते हैं।
ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है कि पुलिस की सतर्कता और सख्ती के बीच बेखौफ अपराधी लोगों को आसानी से शिकार बना लेते हैं...कभी-कभी ऐसा भी होता है कि न ठगी के पैसे न मिलते हैं और अपराधियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई होती है।
कानपुर में सामने आया था मामला: कानपुर सेंट्रल पर बीते तीन चार दिन पहले ठगी का एक ऐसा ही केस आया था जिसमें टिकट निरीक्षक ने प्लेटफार्म नंबर दो-तीन पर चेकिंग करते समय संदिग्ध पड़ी जो गले में आइ-कार्ड डाले था।
पूछताछ में संदिग्ध युवक ने बताया कि वह ट्रेनिंग कर रहा है। उसकी तरह कई और लोग भी सेंट्रल स्टेशन पर प्रशिक्षण ले रहे हैं।
बड़े गिरोह की आशंका में तत्काल जीआरपी और आरपीएफ की चार टीमें बनाई गईं जिन्होंने एक-एक कर 16 लोगों को पकड़ा।
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