उत्तर प्रदेश में समूह ‘ग’ के 40 हजार पदों के लिए 21 लाख से
अधिक दावेदार प्रारंभिक अर्हता परीक्षा देंगे। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अगस्त में प्रारंभिक अर्हता परीक्षा कराने की तैयारियों में जुट गया है।
अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जुलाई के अंतिम सप्ताह तक परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा, जिससे आवेदकों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
प्रारंभिक के बाद मुख्य परीक्षा
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पहली बार भर्ती से पहले प्रारंभिक अर्हता परीक्षा आयोजित करा रहा है।
अर्हता परीक्षा में शामिल होने वाले ही मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए पात्र होंगे। आयोग ने अर्हता परीक्षा के लिए 25 मई से 21 जून तक ऑनलाइन आवेदन लिए हैं।
अर्हता परीक्षा में शामिल होने के लिए 2807119 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया। इनमें से 21 लाख अभ्यर्थियों के फार्म आयोग को मिल चुके हैं।
आयोग अब इसके आधार पर अर्हता परीक्षा की तैयारियां कराने में जुट गया है।
आयोग अर्हता परीक्षा अगस्त में कराने पर विचार कर रहा है। परीक्षा कार्यक्रम जुलाई के अंतिम सप्ताह में जारी करने की तैयारी है। प्रदेश भर में 3000 से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए जाने की संभावना है।
परीक्षा दो पालियों में कराई जाएगी, जिससे कोविड-10 प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन कराया जा सके। एक परीक्षा केंद्र पर 300 से 400 परीक्षार्थियों के लिए इंतजाम किया जाएगा।
परीक्षा कराने से पहले यह भी देखा जाएगा कि अन्य कोई दूसरी परीक्षाएं न हो।
अक्तूबर में मुख्य परीक्षा
आयोग समूह ग के लिए मुख्य परीक्षा अक्तूबर में कराने पर विचार कर रहा है, जिससे विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने से पहले रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।
आयोग सके पहले विभिन्न विभागों से करीब 50 हजार पदों की रिक्तियों का प्रस्ताव आया था, लेकिन 10 हजार से 12 हजार पदों के प्रस्ताव में कुछ खामियां रह गई थीं। इसलिए इसमें संशोधन कराया जा रहा है।
इसीलिए आयोग पहले चरण में करीब 40 हजार पदों के लिए मुख्य परीक्षा आयोजित कराने पर विचार कर रहा है। पदों की संख्या घट-बढ़ भी सकती हैं।
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