पेंशन बहाली की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। इसके लिए
कर्मचारियों के अलग-अलग संगठनों की ओर से फोरम का गठन किया गया है।
इसका ब्लाक स्तर तक विस्तार किया जाएगा। चूंकि अभी एस्मा लगा हुआ है। इसलिए ज्ञापन एवं पत्र के माध्यम से मांग रखी जाएगी।
इसी क्रम में सितंबर में बड़े आंदोलन की तैयारी की गई है। एस्मा हटने के बाद सड़क पर भी आंदोलन की तैयारी है।
अटेवा समेत विभिन्न संगठनों की ओर से पुरानी पेंशन बहाली को लेकर लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। पेंशनर्स की ओर से भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन साैंपा गया है।
इस आंदोलन को मुखर करने के लिए कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच का गठन किया गया है। मंच की ओर से विधानसभा चुनाव से पहले बड़े आंदोलन की तैयारी की गई है। पहली बैठक में इस पर चर्चा हो चुकी है।
जल्द ही आंदोलन की रूप रेखा प्रस्तुत की जाएगी। इसके अलावा कर्मचारियों के अलग-अलग संगठन की ओर से भी इस मांग को लेकर आंदोलन की तैयारी की गई है।
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के मंडल अध्यक्ष अश्वनी कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि बृहस्पतिवार को सभी विभागों की ओर से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा गया है।
आगे सतत आंदोलन की रणनीति बनाई गगई है। राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आंदोलन की जल्द घोषणा की जाएगी। अधिकार मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि जिला स्तर पर गठन हो चुका है।
तहसील स्तर और ब्लाक स्तर पर भी मंच का जल्द गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सितंबर में बड़े आंदोलन की तैयारी है। इसकी शुरुआत गेट मीटिंग और जनसंपर्क अभियान से होगी।
गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस वर्मा का कहना है कि पुरानी पेंशन के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। मांग नहीं माने जाने पर धरना-प्रदर्शन की भी योजना है।
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