डेडलाइन खत्म होने के बावजूद प्रदेश में हजारों पीएफ
अंशधारकों का ई-नॉमिनेशन और केवाईसी पूरी नहीं हो सकी है, ऐसे में इस महीने 22 पीएफ सदस्यों के अंशदान रिजेक्ट कर दिए गए हैं।
अंशदान जमा न होने के कारण उन्हें, नियोक्ता के साथ ईपीएफओ की भी मुश्किल बढ़ गई है। इस तरह के पीएफ खातों को नियमित करने के लिए तमाम तरह की औपचारिकता करनी पड़ेगी तभी खाता ऑपरेट किया जा सकेगा।
ईपीएफओ महीनों से लगातार अंशधारकों के साथ नियोक्ताओं को पीएफ खातों में ई-नॉमिनेशन के साथ केवाईसी अपडेट करने के लगातार नोटिस जारी करता रहा।
पहले अगस्त, फिर 30 सितम्बर को अंतिम तारीख भी निर्धारित की लेकिन इसी के बाद सिस्टम ने ऐसे डिफॉल्टर खातों का अंशदान लेना बंद कर दिया।
अक्तूबर में प्रदेश से 22 हजार पीएफ खातों में ई-नॉमिनेशन और केवाईसी अधूरी होने की जानकारी सामने आई जिनके इस बार के दोनों अंशदान जमा नहीं हो सके।
ऐसे में नियोक्ताओं को नोटिस जारी करने की तैयारी शुरू हो गई है। खाते को नियमित करने के लिए अब एफिडेविट के साथ अलग ब्योरा भी देना होगा तभी सिस्टम नियमित करेगा।
ईपीएफओ बोर्ड के सदस्य सुखदेव प्रसाद मिश्र के मुताबिक सिस्टम के 22 हजार से ज्यादा अंशदान रिजेक्ट करने से ईपीएफओ के साथ नियोक्ताओं को भी दिक्कतें हो गई हैं।
कई महीनों से नोटिसों के जरिए जानकारी दी जा रही थी लेकिन फिर भी हजारों खातों में केवाईसी और ई-नॉमिनेशन अपडेट नहीं किया गया।
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