उत्तर प्रदेश में पंचायत सहायक भर्ती प्रक्रिया अब अपने आखिरी चरण में पहुँच चुकी है।
इस भर्ती के जरिए पंचायत सहायक के कुल 58,189 पदों को भरा जाना है।
उत्तर प्रदेश में पिछले कई महीनों से जारी ग्राम पंचायत सहायक भर्ती प्रक्रिया अब अपने आखिरी चरण में पहुँच चुकी है। इस भर्ती के जरिए करीब 58,189 पदों पर पंचायत सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
राज्य के कुछ जिलों जैसे मुजफ्फरनगर, कन्नौज, गौतमबुद्धनगर, शामली, मऊ, कानपुर देहात में चयन समितियों द्वारा करीब 48,000 पदों पर उम्मीदवार चुन लिए गए हैं और चयनित अभ्यर्थियों में करीब 20 हजार उम्मीदवारों के अनुबंध पत्र भी जमा करा लिए हैं।
अभ्यर्थी पंचायती राज विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर इस संबंध में जानकारी हासिल कर सकते हैं। हालांकि अभी कुछ जिलों में उम्मीदवारों का चयन होना बाकी है जिसके बारे में फिलहाल स्थिति साफ नहीं है और हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही भर्ती प्रक्रिया पूरी हो पाएगी और उम्मीदवारों को नियुक्ति मिल सकेगी।
हालांकि उम्मीद ये है कि यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस प्रक्रिया को पूरी तरह खत्म कर लिया जाएगा।
दरअसल यूपी पंचायत सहायक भर्ती का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कुछ उम्मीदवारों का यह दावा है कि इस भर्ती की आवेदन से लेकर चयन प्रक्रिया तक के नियमों में कई खमियां हैं जिसे लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी।
इसके बाद से कोर्ट ने चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा रखी है और तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन बना हुआ है।
यूपी पंचायत सहायक पात्रता मानदंड
इसके लिए उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं (इंटरमीडिएट) परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहिए। साथ ही उम्मीदवार उसी ग्राम पंचायत का निवासी होना चाहिए जिसके लिए वो आवेदन कर रहा है।
आयु सीमा
यूपी पंचायत सहायक के आवेदन करते वक्त उम्मीदवार की उम्र 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। बता दें कि आयु सीमा में छूट, आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5 वर्ष होगी जबकि ओबीसी वर्ग के लिए 3 वर्ष होगी।
पंचायत सहायक को कितना मिलेगा वेतन
यूपी पंचायत सहायक भर्ती 2021 में उम्मीदवार का वेतनमान 6,000 होगा। इसके अलावा उसे भत्ते भी मिलेंगे।
क्या है पंचायत सहायक की जिम्मेदारी
-पंचायतों के कामकाज में मदद करना और उन्हें उत्तरदायी संस्था बनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
-पंचायतों का सशक्त करना और पारदर्शी लेखांकन।
-पंचायतों में पारदर्शी वित्तीय प्रबंधन बनाए रखना।
-गांवों तक डिजिटलाइजेशन की पहुंच बनाना।
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