लखनऊ: देशभर में मनाया जाने वाला लोक आस्था का चार
दिवसीय महापर्व छठ सोमवार सुबह से शुरू हो गया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस पर्व पर अवकाश घोषित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छठ महापर्व के उपलक्ष्य में जनभावनाओं का सम्मान करते हुए 10 नवंबर को अवकाश घोषित करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा है कि जिन जिलों में छठ का पर्व बड़े स्तर पर मनाया जाता है, वहां के जिलाधिकारी स्थानीय स्तर पर अवकाश घोषित कर सकते हैं।
यह भी कहा कि कार्तिक महीने में जिन जिलों में बड़े मेले आयोजित किए जाते हैं, वहां भी जिलाधिकारी छुट्टी कर सकते हैं।
उन्होंने इन पर्वों और मेलों के दौरान लोगों को कोविड प्रोटोकाल का लिए जागरूक करने पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये छठ पूजा व कार्तिक मास में होने वाले त्योहारों और मेलों के प्रबंधन के बारे में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।
प्रदेश के ज्यादातर जिलों में छठ पर्व मनाये जाने के कारण माना जा रहा है कि लगभग सभी जिलों में 10 नवंबर को अवकाश रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 व 11 नवंबर को छठ का पर्व है।
छठ के अवसर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ आदि महानगरों में नदियों, सरोवरों आदि पर भीड़भाड़ की संभावना रहती है।
छठ पर्व पर नदियों, तालाबों आदि के तटों पर साफ-सफाई तथा सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाए। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने छठ पर्व को निर्बन्धित अवकाश की श्रेणी में पहले से ही रखा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कार्तिक मास में अयोध्या में चौदह कोसी व पंचकोसी परिक्रमा आयोजित होती है।
इस अवसर पर परिक्रमा मार्ग की साफ-सफाई के साथ ही उस पर सुरक्षा, प्रकाश व पेयजल की व्यवस्था सहित अन्य जनसुविधाओं की व्यवस्था की जाए।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। इसे देखते हुए नदी तटों पर साफ-सफाई, सुरक्षा, पार्किंग आदि की समुचित व्यवस्था की जाए।
वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली का आयोजन किया जाता है। यह एक बड़ा आयोजन है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
काशी के महत्व को देखते हुए देव दीपावली पर विशेष सतर्कता बरती जाए। इस अवसर पर साफ-सफाई, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था की जाए।
कार्तिक माह के पर्वों व मेलों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को कोरोना संक्रमण के बारे में जागरूक किया जाए।
पर्वों और मेलों के दृष्टिगत जिला स्तर पर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक तथा मंडल स्तर पर मंडलायुक्त व आइजी रेंज या डीआइजी रेंज नियमित समीक्षा करें।
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