संतकबीर नगर: जनपद के नौ ब्लाक के 1055 परिषदीय
विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक (प्री-प्राइमरी) की कक्षाएं संचालित होगी। इसमें संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व विद्यालय से प्रशिक्षित नोडल शिक्षक बच्चों को पाठ पढ़ाएंगे।
बाल विकास एवं पुष्टाहार व बेसिक शिक्षा विभाग की संयुक्त पहल से बच्चों की जिज्ञासा व उत्साह बढ़ाया जाएगा। उन्हें खेल-खेल में शिक्षा दी जाएगी।
नई शिक्षा नीति के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्र प्री-प्राइमरी स्कूल से सुसज्जित होंगे। प्री-प्राइमरी स्कूल में तीन से छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को चित्र और कार्टून के अलावा खेल-खेल में पढ़ाया जाएगा।
इसकी तैयारी के लिए बीआरसी में कक्षा एक के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। जो दैनिक दिनचर्या, अभिभावकों को प्रोत्साहित करने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देंगे।
बच्चों की जिज्ञासा व उत्साह बढ़ाकर और बाल केंद्रित मूल्यांकन विधि से शिक्षा देकर प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक से पढ़ाई करने के लिए तैयार करेंगे। तीन चरण में दिया गया प्रशिक्षण
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में पहले चरण में इस साल जनवरी मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया। दूसरे चरण में शिक्षकों, सुपरवाइजर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के साथ ब्लाक स्तर पर बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया गया।
फिर चयनित विद्यालय के एक-एक शिक्षक व संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया। पाठ्यक्रम को तैयार करने के साथ ही संसाधन जुटाने की पहल चल रही है। नई शिक्षा नीति के तहत तीन वर्ष से छह वर्ष आयु तक के बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।
805 प्राथमिक व 250 संविलियन विद्यालयों में आंगनबाड़ी के बच्चों की नियमित कक्षाएं संचालित होंगी।
दिनेश कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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