खुशियों के त्योहार दिवाली Diwali पर भी शिक्षामित्र shikshamitra खुश नहीं हैं। समायोजन रद किए जाने और 10 हजार मानदेय manday तय किये जाने से आहत हैं। ज्यादातर शिक्षामित्रों shikshamitro का कहना है कि जेब है खाली तो कैसे मनाएं दिवाली।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ shikshamitra Sangh के जिला अध्यक्ष खेमसिंह चौधरी ने बताया कि शिक्षामित्र अपने सम्मान की बहाली होने तक कोई पर्व नहीं मनाएंगे, दिवाली Diwali का आधार आर्थिक समृद्धि से जुड़ा है।
जो उनसे छीन लिया गया है। शिक्षामित्रों shikshamitro की सम्मान बहाली तक सतत संघर्ष जारी रहेगा। शिक्षामित्र संघ के गोवर्धन ब्लॉक के संरक्षक वेदवीर सिंह प्रधान ने कहना है कि कोर्ट court और सरकार Government के फैसले ने शिक्षा मित्रों shikshamitro की जिंदगी को कटी पतंग बना दिया है।
परिवार की और अपनी खुशियों का सीधा संबंध आर्थिक व्यवस्था से जुड़ा है और आर्थिक व्यवस्था की पूरी तरह पटरी से उतर गई है। शिक्षा मित्र shikshamitra नीतू कुमारी का कहना है कि शित्रा मित्र मन की पीड़ा और दर्द बयां नहीं कर सकते। गिरजेश चौधरी का कहना है कि इस वक्त सरकार ने वादा करके धोखा किया है।
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