प्रदेश में निलम्बित शिक्षकों की बहाली में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की खैर नहीं। प्रदेश में 615 शिक्षक निलम्बित हैं। इन सबके खिलाफ चल रही जांचों की समीक्षा करते हुए इनका निस्तारण कराया जाएगा। वहीं समय से ज्यादा निलम्बन रखा तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि लम्बे समय तक निलम्बन या फिर जांच की कार्रवाई चलते रहना विभाग और शिक्षक दोनों के लिए अहितकर है। इससे जहां शिक्षकों की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है वहीं विभाग भी शिक्षक की सेवाओं का पूरा लाभ नहीं ले पाता। यह गंभीर चिंता का विषय है। निलम्बन की अधिकतम समय सीमा तय है। इसके बाद निलम्बन खत्म किया जाना चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि निलम्बन के सभी मामलों की जांच करते हुए 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट भेजी जाए। यदि किसी का भी निलम्बन समयसीमा से ज्यादा है तो उसकी समीक्षा भी करें।
इसके बाद पूरी रिपेार्ट महानिदेशक कार्यायल को उपलब्ध कराएं कि यदि जांच अधिकारी ने समयसीमा में जांच नहीं दी है तो उसका कारण क्या है, यदि शिक्षक को बहाल नहीं किया गया तो उसका कारण क्या है।
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