बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सहायक अध्यापक भर्ती 2018 में उत्तर
पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की शुचिता पर सवाल खड़ा हो गया है। एक ही अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका का तीन बार मूल्यांकन करने पर हर बार उसके अंक बदल गए।
इस पर हाईकोर्ट ने पूछा है कि जब परीक्षा कराने और उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन की एक ही एजेंसी है तो हर बार मूल्यांकन में अलग-अलग अंक कैसे आ रहे हैं।
गुरू प्रसाद की याचिका पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा सुनवाई कर रहे हैं।
याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि याची वर्ष 2018 की लिखित परीक्षा में उपस्थित हुआ था।
पहले उसे 56 अंक मिले। जिसे उसने हाईकोर्ट में चुनौती। कोर्ट के आदेश पर उत्तर पुस्तिका का पुर्नमूलयांकन होने पर उसे अंक 58 हो गए।
इसके बाद याची चार प्रश्नों के उत्तर सही होने का दावा करते हुए फिर से जांच की मांग की।
दुबारा हुए पुर्नमूल्यांकन पर उसके अंक फिर से घटकर 57 हो गए। इस पर याची ने एक फिर हाईकोर्ट की शरण ली। कोट ने इस मामले में जानकारी मांगी है ऐसा किस वजह से हो रहा है।
जबकि परीक्षा कराने और उत्तर पुस्तिका जांचने वाली एजेंसी एक ही है। मामले की सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
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