उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2020 अब जुलाई में
होने की उम्मीद हैं।
परीक्षा संस्था को तीसरी बार प्रस्ताव भेजना होगा। वजह, विशेष सचिव आरवी सिंह ने शासनादेश में लिखा है कि एडेड कॉलेजों में भर्ती के बाद पात्रता परीक्षा कराई जाएगी।
यह भर्ती मई में पूरी हो रही है, ऐसे में यूपी टीईटी जुलाई या उसके बाद ही हो पाने की उम्मीद है।
परीक्षा संस्था दो बार प्रस्ताव भेज चुकी है लेकिन, शासन ने आदेश नहीं दिया। जबकि सरकार पात्रता परीक्षा कराने की अनुमति दे चुकी है।
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक चयन के लिए यूपी टीईटी का होना जरूरी है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दिसंबर 2020 में ही प्रस्ताव भेजा।
पहली बार 28 दिसंबर से 28 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन व 28 फरवरी को परीक्षा कराने की तैयारी थी लेकिन, प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग सकी, तब एनआइसी, शासन व परीक्षा संस्था की बैठक हुई। इसमें आवेदन जनवरी के मध्य में शुरू होने पर सहमति बनी। परीक्षा संस्था से संशोधित प्रस्ताव मांगा गया।
परीक्षा संस्था ने 30 दिसंबर को ही भेज दिया था। उसमें ऑनलाइन आवेदन 12 जनवरी से और परीक्षा सात मार्च को कराने का प्रस्ताव था।
शासन में मंथन के बीच दूसरे प्रस्ताव की समय सारिणी बीत गई है। इसी बीच प्रदेश में पंचायत चुनाव व यूपी बोर्ड परीक्षाएं होनी है इससे यह परीक्षा लटक गई।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि शासन ने एडेड भर्ती के बाद परीक्षा कराने का निर्देश दिया है। इसका अनुपालन भर्ती पूरा होते ही किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा हर वर्ष आयोजित की जाती है। बीएड डिग्री प्राप्त कर चुके उम्मीदवार यदि शिक्षक की सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखते हैं उन्हें यूपीटीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
उत्तर प्रदेश टीईटी 2020 में उत्तीर्ण होने के लिए अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को न्यूनतम 90 अंक प्राप्त
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