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"प्रेरणा तालिका" को विद्यालयों की कक्षाओं में चस्पा व उपयोग करने के सम्बन्ध में आदेश जारी, देखें डिटेल्स

"प्रेरणा तालिका" को विद्यालयों की कक्षाओं में चस्पा व उपयोग करने के सम्बन्ध में-

 "मिशन प्रेरणा के प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में निर्देश निर्गत किये गये हैं।
 उक्त शासनादेश के बिन्दु संख्या-3 में फाउण्डेशनल लर्निंग गोल्स को त्रैमासिक लक्ष्य के रूप में विभाजित करते हुए प्रेरणा तालिका में अंकित करने एवं विद्यालयों की कक्षाओं में चस्पा किये जाने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया है। उक्त संबंध में बच्चों की संख्या के आधार पर आगणन करते हुए प्रेरणा तालिका इस आशय के साथ उपलब्ध करायी गयी थी कि समस्त परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों की कक्षाओं में प्रेरणा तालिका को चस्पा कराया जाये। 

इस संबंध में राज्य परियोजना कार्यालय के पत्रांक गुण वि०/सैट- 2/4962 / 2020-21 दिनॉक 07 अक्टूबर, 2020 द्वारा प्रेरणा तालिका, प्रेरणा लक्ष्य एवं प्रेरणा सूची के उपयोग के संबंध में दिशा निर्देश प्रेषित किये गये थे।

तत्कम में कतिपय जनपदों से प्राप्त जिज्ञासाओं के कम में प्रेरणा तालिका के उपयोग के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश पुनः प्रेषित किये जा रहे हैं:-

1. प्रेरणा तालिका कक्षा 1 से 5 हेतु हिन्दी व गणित विषयों के लिए हैं।

2. प्रेरणा तालिका में प्रविष्टियों का अंकन एवं प्रमाणीकरण नवीन शैक्षिक सत्र 01 अप्रैल, 2021 से प्रारम्भ किया जाये।

3. इसमें हिन्दी व गणित विषयों के लर्निग आउटकम के सापेक्ष विद्यार्थियों की प्रगति को अंकित करना है।

4. प्रथम कॉलम में दक्षता संप्राप्ति संबंधी लक्ष्य दिये गये हैं तथा दूसरे कॉलम में उससे संबंधित लर्निंग आउटकम

प्रदर्शित हैं।

 5. ऊपर की रिक्त पंक्ति Row (1. 2 , 3. 30) में विद्यार्थियों के नाम लिखे जायेंगे यदि किसी कक्षा में 30 से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन है, तो अतिरिक्त तालिका प्रयोग में लायी जाये अथवा तालिका के ठीक दायीं और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त Column/Row बनाकर चस्पा किये जाये।

6. प्रत्येक लर्निंग आउटकम के सापेक्ष विद्यार्थियों की प्रगति को शिक्षक विभिन्न तरीकों जैसे-कक्षा शिक्षण के दौरान अवलोकन, समूह कार्य, बोलना, लिखित कार्य आदि या फिर कक्षा स्तरीय लिखित व मौखिक आकलन / टेस्ट के माध्यम से ज्ञात करेंगे। यहाँ शिक्षक को इस मूलभूत सिद्धांत को ध्यान में रखना है कि सतत आकलन शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का ही एक अभिन्न अंग है।

 इसलिए शिक्षकों से अपेक्षा है कि शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के दौरान ही उनके द्वारा सतत् रूप में बच्चों की प्रगति का अवलोकन किया जाये।

7. जब कोई विद्यार्थी किसी लर्निग आउटकम को प्राप्त कर लेता है, अर्थात उस लर्निंग आउटकम में दी गई दक्षता कर लेता है और उसके अनुसार कार्य करता है, तो उस लर्निंग आउटकम के सापेक्ष उस तारीख को लिखना है, जिस दिन शिक्षक ने इसकी जाँच की है। 

उदाहरण के लिए, यदि शिक्षक ने 15 जनवरी 2021 को यह देखा/जाना कि विद्यार्थी-1 ने लर्निंग आउटकम-3 को प्राप्त कर लिया है, तो उस विद्यार्थी व लर्निंग आउटकम-3 के सापेक्ष 15.01.2021 अंकित करेंगे।







 

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